रायगढ़। सीटिंग एमएलए का खुला विरोध कर रहे कुछ नेतानेता लोगों की बातों को सुनते हैं, मानते नहीं । यह जुमला कांग्रेस के कुछ टिकटाकांक्षियों को समर्पित ।
भाजपा की तरफ से ओपी चौधरी को रायगढ़ का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद कांग्रेस से दावेदारी को लेकर कई तरह की अफवाहों ने जन्म ले लिया है प्रकाश नायक की टिकट कटेगी जैसे जुमले आम हैं, ओपी को नहीं सके पाएंगे जैसा दुष्प्रचार किया जा रहा है आखिरी इसके पीछे है कौन और वे ऐसा क्यों कर रहे हैं के जवाब पर पार्टी संगठन के एक नेता ने बताया कि फूल छाप कांग्रेसी और असंतुष्ट कांग्रेसियों की यह चाल है जिससे सीटिंग एमएलए का मान मर्दन हो और चुनाव में नुकसान हो। अभी कुछ दिन यह सब चलेगा क्योंकि सबसे आखिरी में पार्टी रायगढ़ के प्रत्याशी की घोषणा करेगी। तब तक वह और जनता ‘देख तमाशा प्रत्याशी का’ पर नजऱ रखेगी।
कांग्रेस से टिकटाकांक्षी लॉबिंग में मस्त हैं, इक्का-दुक्का ही लोगों के बीच जा रहे हैं। बाकी कोई रायपुर में डेरा डाले है तो कोई दिल्ली में तो कोई स्वयंभू यात्रा में मस्त अपनी टिकट की बांट जोह रहा। प्रकाश नायक का जनसंपर्क अभियान शुरू हो चुका है। इस बार प्रकाश ने काफी पहले से प्रचार की राह पकड़ ली है। बीते चुनाव नामांकन वापसी की तिथि के दिन टिकट सीधे दिल्ली से प्रकाश की टिकट क्लियर हुई थी तो उनके पास चुनाव प्रचार के लिए कम समय बचा था। इस बार वे नाम घोषणा होने से पहले ही यदि जनसंपर्क अभियान में लगे हैं तो पार्टी आलाकमान ने उन्हें ग्रीन सिग्नल दे दिया है। कोई कितने भी पैठ और जुगाड़ की डींगे हांके पर प्रकाश के पास दिल्ली का जंतर है।
ओपी के विरुद्ध उनका चुनाव लडऩा संघर्षपूर्ण है। प्रकाश भली-भांति जानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ज्यादा स्ट्रांग है शहरी क्षेत्र में थोड़े पीछे हैं। जिसके मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्र के दौरे के बाद वह शहर में दो-टू-डोर जायेंगे। कुछ हिस्सों में उनके इमेज की क्राइसिस है तो कहीं उन्हें सीधे संवाद करना है। प्रकाश फिलहाल शहर के किसी भी कार्यक्रम को नहीं छोड़ नहीं रहे हैं जिस जगह वह नहीं पहुंच पा रहे हैं वहां उनकी पत्नी जरूर जा रही है। प्रकाश ने रायगढ़ की राजनीति को कम समय में भली-भांति जान लिया भले ही उनके अपनों ने ऐन मौके पर उनसे दगा कर दिया। प्रकाश समय के साथ सीख रहे हैं।
रायगढ़ विधानसभा में कुल 292 मतदान केंद्र हैं और रायगढ़ जिला अंतर्गत 233 एवं सारंगढ़ जिला अंतर्गत 59 मतदान केंद्र हैं। नगरी निकाय में टोटल 48 वार्ड है जिसमें से 4 वार्ड लैलूंगा और 1 वार्ड खरसिया विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस तरह से कुल 43 वार्ड जो है उसमें 116 मतदान केंद्र हैं। सबसे अधिक 176 मतदान केंद्र ग्रामीण है। शहरी क्षेत्र में मतदान केंद्र बड़े हैं जहां आधे वोटर रहते हैं। बात शहरी क्षेत्र की करें तो सारंगढ़ फाटक से ढिमरापुर और चक्रधरनगर से कोतरा रोड तक के शहरी क्षेत्र में भाजपा की पकड़ मजबूत हैं। जबकि आउटर वार्ड में कांग्रेस मजबूत है। मध्य भाग में फूल छाप कांग्रेसी और कुछ असंतुष्ट कांग्रेसी प्रकाश नायक की टिकट को काटने की अफवाह फैला रहे हैं क्योंकि एक भी ऐसा कारण नहीं है कि जिसके कारण प्रकाश नायक की टिकट कट सकती हो। ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस बढ़त में हैं। सरिया-पुसौर और पूर्वांचल में कोई जाति और समाज का एकतरफा वोट नहीं पढ़ता। ग्रामीण वोटर बैंक फिक्स होता है। तो जैसे शहर में भाजपा मजबूत है वैसे ही ग्रामीण जगह में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। ग्रामीण अंचलों में प्रकाश नायक लगातार दौरे करते हैं वह ग्रामीण परिवेश से ही आते हैं और इसी कारण कांग्रेस आलाकमान ने बीते चुनाव में प्रकाश नायक को चुना।
टिकट दावेदारी को लेकर कोई दो-राय नहीं : प्रकाश नायक
प्रकाश की टिकट अभी नहीं कटी है फिर भी उनके विरोधी कई दिनों से उनकी घेराबंदी किये हुए हैं। जनसंपर्क, यात्रा, लोगों से मिलना,मीडिया में दुष्प्रचार करना, लोगों के बीच गलत छवि गढऩा तमाम प्रकार के हथकंडे प्रकाश नायक के अपनी ही पार्टी के लोग अपना रहे हैं। अब क्या प्रकाश इन लोगों को पहचान पाएंगे या नहीं यह उनकी और उनके टीम पर निर्भर करता है। प्रकाश नायक चंद लोगों से घिरे रहते हैं जिसके कारण वह व्यापक रूप से कभी देखा नहीं पाते। इस बार का चुनाव उनके लिए सबसे ज्यादा टफ होने वाला है। अगर उन्होंने अपनी रणनीति में कोई बदलाव नहीं किया तो विपरीत परिणाम सामने आ सकते हैं।
प्रकाश को बदलना कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं
