रायगढ़। शहर के सभी माता जगतजननी के मंदिरों में चैत्र नवरात्रि पर्व की खुशी में अखंड दीप प्रज्वलित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की जा रही है और मंदिरों में प्रतिदिन दर्शन – पूजन के लिए सुबह से रात तक श्रद्धालुओं की कतारें लगी है। वहीं आज नवरात्रि महापर्व के चौथे दिन पंचमी तिथि भी होने से श्रद्धालुओं ने माता जगतजननी के चौथे स्वरुप माता कूष्मांडा व पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा अर्चना की। इसी तरह शहर की धार्मिक संस्था दादी सेवा समिति की श्रद्धालु महिलाएँ प्रतिदन माता का श्रृंगार कर पूजा अर्चना कर रही हैं व कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती आशा – सुनील अग्रवाल के विशेष मार्गदर्शन में सभी महिला सदस्यों ने माता कूष्मांडा व स्कंद माता की पूजा अर्चना कर चुनरी चढ़ाकर भोग अर्पित किए इसके पश्चात प्रसाद बांटा गया।
अतिथियों ने महाभंडारा का किया शुभारंभ
शहर के बूढ़ी माई मंदिर परिसर में दादी सेवा समिति की पहल से प्रतिदन सुबह 10.30 बजे से दोपहर तक महाभंडारा का आयोजन किया जा रहा है और प्रतिदन शहर के गणमान्य नागरिक आकर महाभंडारा का शुभारंभ कर अपने हाथों से सैकड़ों श्रद्धालुओं को प्रसाद बांट रहे हैं। वहीं आज चतुर्थी व पंचमी तिथि को शहर के गणमान्य नागरिक रामनिवास मोडा प्रेसीडेंट लॉयंस क्लब रायगढ़ सिटी, अरुण अग्रवाल, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकेश जैन भाजपा पार्षद श्रीमती पूनम सोलंकी, आशीष महमिया प्रेसीडेंट ऑफ रोटरी रॉयल्स अतुल रतेरिया वाइस प्रेसीडेंट रोटरी स्टील सिटी, संजय बेरीवाल सचिव रोटरी स्टील सिटी, संजना बेरीवाल सहित अनेक गणमान्य लोगों को दादी सेवा समिति की सदस्यों ने माता भवानी का तिलक लगाकर व दुपट्टा पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। इसके पश्चात माता का जयकारा लगाकर फीता काटकर महाभंडारा का शुभारंभ किया गया।
हृदय से सराहना कर रहे श्रद्धालु
बूढ़ी माई मंदिर परिसर में दादी सेवा समिति के महाभंडारा में प्रतिदिन दूर – दराज से सैकड़ों की संख्या में दर्शन पूजन करने आ रहे श्रद्धालुगण महाभंडारा में माता का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बन रहे हैं। वहीं आज चतुर्थी व पंचमी तिथि को भी महाभंडारा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जगतजननी का प्रसाद पाया। जो सुबह से दोपहर तक चलता रहा। दादी सेवा समिति के इस पहल की श्रद्धालुगण हृदय से सराहना करते हुए सदस्यों को बधाई भी दे रहे हैं।
दादी समिति के महाभंडारा में श्रद्धालुओं ने पाया प्रसाद
माता कूष्मांडा व स्कंद माता की आराधना श्रृंगार कर लगाया गया भोग
