रायगढ़। सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक व स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों खर्च हो रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। घोर लापरवाही का ताजा मामला घरघोड़ा विकासखंड के संकुल केंद्र टेरम स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से उजागर हुआ है। 4 सितंबर को आकस्मिक निरीक्षण के दौरान स्कूल में बच्चों के लिए तैयार किए जा रहे भोजन (मिड-डे मील) में कीड़े मिले हैं। जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी कर प्राचार्य से जवाब मांगा है।
नोटिस के अनुसार साफ-सफाई और सावधानी बरतने के शासन के सख्त दिशा-निर्देशों को दरकिनार करते हुए बच्चों की सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ किया गया। निरीक्षण दल ने स्पष्ट रूप से पाया कि भोजन तैयारी के दौरान न तो स्वच्छता का ध्यान रखा गया और न ही निर्धारित नियमों का पालन। प्राचार्य किशोर देवांगन पर यह आरोप है कि उनकी सीधी निगरानी में बच्चों को गंदा भोजन परोसा जा रहा था। यह आचरण न सिर्फ घोर लापरवाही है बल्कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का भी खुला उल्लंघन है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने इस गंभीर लापरवाही पर प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि तीन दिन के भीतर संतोषजनक जवाब पेश नहीं करने पर आगामी माह का वेतन रोका जाएगा और विभागीय कार्रवाई की जाएगी। स्पष्ट कहा गया है कि बच्चों की जान से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला सिर्फ एक स्कूल का नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। आखिर बच्चों के नाम पर आने वाला सरकारी बजट और खाद्यान्न. किस हाल में इस्तेमाल हो रहा है? निरीक्षण में निकले कीड़े ने पूरे मिड-डे मील सिस्टम की सफाई पर बड़ा दाग लगा दिया है।
निरीक्षण में मिड-डे मील में मिले कीड़े, प्राचार्य को नोटिस जारी
विकासखण्ड घरघोड़ा के टेरम स्कूल का मामला
