रायगढ़। शिक्षक की विद्यालय में भूमिका डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लिखा है कि समाज में अध्यापक का स्थान महत्वपूर्ण है, वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परंपराएं तथा तकनीकी कौशल पहुंचाने का केंद्र है, एवम सभ्यता के प्रकाश को प्रज्वलित रखने में सहायता देता है। एक सच्चा अध्यापक जीवन पर्यंत विद्यार्थी बना रहता है। रवींद्रनाथ ठाकुर के शब्दों में एक अध्यापक कभी भी वास्तविक अर्थों में नहीं पढ़ा सकता। जब तक वहां स्वयं अभी सीख ना रहा हो। एक दीपक दूसरे दीपक को कभी भी प्रज्वलित नहीं कर सकता, जब तक कि उसकी अपनी ज्योति जलती ना रहे। शिक्षा संस्कृति के हस्तांतरण, संरक्षण तथा संवर्धन का प्रमुख साधन है। अतरू किसी भी देश की शिक्षा वहां की संस्कृति के संदर्भ में ही समझा जा सकती है। शिक्षा की प्रक्रिया में अध्यापक एक महत्वपूर्ण कड़ी है। शिक्षक को छात्र की अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश दिखाकर मानवता के पथ को आलोकित करने वाला कहा है। ऐसा ही एक शिक्षक रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के शिक्षक ‘टिकेश्वर पटेल’ की जिन्होंने कड़ी मेहनत एवं लगन के फलस्वरूप घने वनांचलो के बीच मे शिक्षा की एक ऐसी अलख जगा रखी है। जिससे पूरा क्षेत्र गौरांवित है।
छत्तीसगढ़ में नवोदय गुरु के नाम से प्रसिद्ध टिकेश्वर पटेल 16जून 2005 से सेवा यात्रा की शुरू की थी। दो दशक से अधिक लंबे सफर में उन्होंने बच्चों के शिक्षा के मुख्य धारा से जोडकर उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया। खेल, संस्कारिक शिक्षा, नैतिक शिक्षा, सांस्कृतिक गतिविधियां आधुनिक शिक्षण पद्धतियों को कक्षा में लागू पर शिक्षक को रोचक बनाया और विभिन्न ‘मैथ्स ट्रिक्स’ अपना कर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा के लिए वनांचल में एक ऐसा अभ्यास शुरू किया। जिससे प्रतिवर्ष 10 से 15 बच्चे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य स्कूल में चयन होकर छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले उपलब्धियां पर खड़ा किया।सबसे बड़ी गौरव की बात यह है की इस सरकारी स्कूल में जिले के बच्चे अलावा अन्य ब्लॉक एवं जिले के बच्चे भी यहां पढने आ रहे। साथ ही शाला समय के अतिरिक्त निशुल्क कोचिंग क्लास लगाकर बच्चों को मुफ्त में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जिससे अभी तक सैकड़ो बच्चों ने राज्य के चुनिंदा स्कूलों में चयन होकर अपने गांव का नाम रोशन किया है।
राज्यपाल पुरस्कार का महत्व
राज्यपाल पुरस्कार किसी भी शिक्षक के लिए सर्वोच्च उपलब्धि है यह सम्मान पटेल के असाधारण योगदान का प्रमाण है। उनके प्रयासों से बच्चों की प्रगति को नई दिशा दी है। और ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को नहीं ऊंचाइयों तक पहुंचा है। साथ ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए ऐसा माहौल तैयार किया है जिससे हर पालक चाहता है कि हमारा बच्चा शिक्षक टिकेश्वर पटेल के सानिध्य में रहकर पढ़ाई करें।
एक छोटी सी वनांचल गांव से निकले ‘शिक्षा दीप स्तंभ’
घरघोड़ा, गांव से राजधानी तक गुंजा शासकीय प्राथमिक शाला चारमार, गृह ग्राम भेंगारी तथा वर्तमान प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत शाला -नवापारा (टेंडा) का नाम विकास खंड -घरघोड़ा जिला- रायगढ़ के प्रधान पाठक टिकेश्वर पटेल को राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा गया, यह उपलब्धि सिर्फ एक शिक्षक की नहीं बल्कि पूरा शिक्षा जगत और ग्रामीण क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण है। खबर मिलते ही घरघोड़ा ही नहीं अपितु जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्कूली बच्चे, अभिभावक, सहकर्मी शिक्षक और ग्रामीण इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने की तैयारी कर रहे हैं। टिकेश्वर पटेल ने साबित कर दिया कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, भविष्य गढने का एक माध्यम है आज जब राज्यपाल के हाथों यह सम्मान मिला। तब घरघोड़ा का नाम छत्तीसगढ़ के शिक्षा जगत के नक्शे पर और चमक गया।
शिक्षक टिकेश्वर पटेल को राज्यपाल रमेन डेका ने किया सम्मानित
किसान के बेटे ने क्षेत्र में फैलाया शिक्षा का उजियारा
