रायगढ़। जिले में किसान पिछले कई दिनों से खाद की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। धान की रोपाई का समय होने के बावजूद, किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी जैसी आवश्यक खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। इस समस्या से परेशान होकर, क्षेत्र के किसान कई बार खाद्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को अल्टीमेटम दे चुकी है। लेकिन यूरिया की कमी आज भी यथावत बनी हुई है। इस मामले को लेकर रायगढ़ जिले के खरसिया विधानसभा में छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में ब्लाक कांग्रेस खरसिया के कार्यकर्ता और किसानों ने गुरुवार 4 सितंबर को खरसिया तहसील कार्यालय का घेराव कर एसडीएम प्रवीण तिवारी ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए तहसील कार्यालय के में गेट पर बैरिकेडिंग की गई थी। मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए तहसील ऑफिस के अंदर दाखिल हो गए इसके बाद कार्यालय के सामने बैठकर काफी देर तक जमकर नारेबाजी करते रहे। खरसिया में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में खरसिया के युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस के सभी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी तथा जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
खरसिया विधायक की चेतावनी
खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा, भाजपा सरकार जानबुझ कर प्रदेश के किसानों को कमजोर कर रही है पड़ोसी राज उड़ीसा में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन वहां हाथ की कोई कमी नहीं है फिर छत्तीसगढ़ में क्यों? भाजपा सरकार चाहती है कि प्रदेश के किसानों की धान की उपज कम हो ताकि उन्हें कम से कम धान खरीदी करना पड़े। फिलहाल ‘हालाहुली, तुरेकेला, बानीपथर और आसपास के इलाकों में समिति प्रबंधक खाद वितरण में मनमानी कर रहे हैं। बड़े किसानों को आसानी से खाद मिल जाती है, जबकि छोटे और गरीब किसान भटकते रहते हैं।’ उन्होंने प्रदेश के विष्णु देव साय की सरकार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह संकट जानबूझकर पैदा किया जा रहा है, ताकि धान उत्पादन घटे और सरकार को धान खरीदी का अतिरिक्त बोझ न उठाना पड़े। पटेल ने पिछली धान खरीदी का हवाला देते हुए बताया कि किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा गया, लेकिन बाद में इसे 1900 रुपये प्रति क्विंटल में नीलाम कर दिया गया। पटेल ने आगे कहा कि किसानों पर भाजपा सरकार का यह अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, हम उनकी आवाज को सडक़ से सदन तक हर स्तर पर उठाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि खाद की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई, तो और बड़ा आंदोलन होगा।
विरोध प्रदर्शन और मांगें
कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान मदन पुर कांग्रेस भवन में इक_ा होकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। लोगों का कहना है कि वे कई बार सहकारी समितियों और कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। प्रदर्शनकारी किसानों ने भाजपा नेता और अधिकारियों के इशारे पर खाद वितरण में पक्षपात का आरोप लगाया। कांग्रेस और किसानों का हम कांग्रेस भवन से निकलकर पैदल मार्च करते हुए तहसील कार्यालय पहुंची इसके बाद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खरसिया के के द्वारा पांच दिवस के अंदर खाद आपूर्ति और खाद वितरण प्रणाली को सुरक्षित करने और किसानों को शत प्रतिशत खाद उपलब्ध कराने की मांग की गई।
सरकारी प्रतिक्रिया
इस मामले पर खरसिया एसडीएम प्रवीण तिवारी ने बताया कि खाद की आपूर्ति को लेकर दिक्कतें हैं, लेकिन सरकार जल्द ही इसका समाधान कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करा दी जाएगी। वहीं, प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है और बातचीत के माध्यम से समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया है। वहीं अधिकांश सोसाइटी में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है इसके अलावा जिन सोसाइटियों में शिकायतें आ रही है उसकी जांच कर जरूरी कार्यवाही कर किसानों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इस बात को गंभीरता से लेकर काम कर रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ने लगाया आरोप
कांग्रेस जिला अध्यक्ष नगेंद्र नेगी का कहना है कि वे सरकारी आश्वासनों पर अब भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि लगातार आश्वासन के बाद भी भाजपा सरकार खाद आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। यदि शासन प्रशासन तय समय में यूरिया खाद की आपूर्ति और वितरण सही तरीके से नहीं करती है,तो आने वाले दिनों में जिले भर में किसान और कांग्रेस के कार्यकर्ता मिल कर बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। यह देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इस गंभीर समस्या से कैसे निपटती है, क्योंकि इसका सीधा असर न केवल किसानों की आजीविका पर, बल्कि पूरे क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा पर भी पड़ेगा।
कांग्रेस का आंदोलन, खाद की कमी को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
उमेश के नेतृत्व में क्षेत्र के किसान और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
