रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज हो गई है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अमर अग्रवाल को राजभवन से फोन आने के बाद वे राज्यपाल रामेन डेका से मिलने पहुंचे। अमर अग्रवाल करीब एक घंटे 15 मिनट तक राजभवन में मौजूद रहे। राज्यपाल से मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों से जोडक़र देखा जा रहा है। हालांकि अमर अग्रवाल का कहना है कि यह समय 10 दिन पहले ही तय किया गया था।
इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह दिल्ली रवाना हो गए हैं, जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात तय मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि 20 अगस्त को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। 3 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं। इसके बाद सीएम विष्णुदेव साय के साथ सभी मंत्री दिल्ली जा सकते हैं। मंत्री बनने की रेस में बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, कुरुद विधायक अजय चंद्राकर, दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब का नाम आगे
चल रहा है।
सामाजिक व क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास
बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार, संगठन विस्तार के दौरान तीन नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुमान है कि एक मंत्री सामान्य वर्ग से, दूसरा अनुसूचित जनजाति से और तीसरा पिछड़ा वर्ग से चुना जा सकता है। इसके साथ ही बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग से एक-एक मंत्री शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
पुराने मंत्रियों की कुर्सी सुरक्षित
बीजेपी संगठन के अनुसार, नए मंत्रियों की कैबिनेट में एंट्री होगी, लेकिन मौजूदा मंत्रियों के विभाग या पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि वर्तमान टीम से किसी को बाहर नहीं किया जाएगा। हालांकि पिछले कुछ समय से राजनीतिक हलकों में लक्ष्मी राजवाड़े, दयालदास बघेल और टंकराम वर्मा को लेकर अटकलें चल रही थीं, लेकिन अब ऐसे संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।
संसदीय सचिवों की हो सकती है नियुक्ति
अगस्त महीने में ही बीजेपी संसदीय सचिव और रिक्त निगम मंडल के अध्यक्षों की भी नियुक्त कर सकती है। इस नियुक्ति में सीनियर और जूनियर का औसत देखने को मिलेगा। बता दें कि, संसदीय सचिव नियुक्त करने की परंपरा भाजपा शासनकाल में डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई थी। उस समय कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया था और इसे ‘मिनी कैबिनेट’ बताते हुए असंवैधानिक करार दिया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद भूपेश बघेल सरकार ने भी इस परंपरा को बनाए रखा और 13 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया। अब विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार भी इन पदों को भरने की तैयारी में है।
जल्द हो सकता है साय मंत्रीमंडल का विस्तार
राज्यपाल से मिले अमर, सवा घंटा चली बैठक, 3 मंत्री ले सकते हैं शपथ, पीएम से मिलने रमन दिल्ली रवाना
