रायगढ़। गैंग पर नकेल नहीं, भविष्य में बड़ी गैंगवार संभव आखिर फिर से कैसे पनपने लगे गैंग और किसके कहने पर पुलिस है शांतरायगढ़ कोतवाली क्षेत्र से आपराधिक घटनाएं कम होने का नाम ले ही नहीं रही है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी या फिर सूचना नहीं होती लेकिन पुलिस के हाथ बंधे हैं कई मामलों में वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती। बीते 3 सालों में कोतवाली क्षेत्र में गुंडागर्दी बढ़ी है तो नए गैंग पैदा हुए हैं जो समय-समय पर अपना वर्चस्व दिखाने के लिए पुलिस को चुनौती देते हैं। इनके हिमाकत का नजारा पूरा रायगढ़ देख चुका है। रायगढ़ से डेढ़ दशक पहले एसपी दीपांशु काबरा, एसपी स्व.राहुल शर्मा ने गैंग को खत्म किया अब एक बार फिर से कमजोर पुलिसिंग से कोतवाली क्षेत्र में गैंग पनप रहे हैं। बिना संरक्षण के यह फल-फूल नहीं सकते। भविष्य में रायगढ़ शहर के भीतर गैंगवार संभव हैं। कुछ महीने पहले एक गैंग ने कोतवाली घेर लिया था और थाने के अंदर मारपीट भी हुई। एक पखवाड़े के भीतर कोतवाली क्षेत्र में डकैती, उठाईगिरी,ठगी, चाकूबाजी, हथियार लहराना जैसी वारदातें हो चुकी हैं। कुछ में मामले दर्ज हुए कुछ में नही। इसके बाद भी पुलिस का सतर्क नहीं रहना उसके होने पर सवाल खड़े करता है तब जब रायगढ़ को आईजी मुख्यालय बनाया गया है उसके बाद भी क्षेत्र में अपराधिक मामले सर चढ़ कर बोल रहे हैं।
शुक्रवार रात कोतरा रोड दशरथ पान सामने मंदिर के पीछे स्थित एक छोपड़ीनुमा कमरे में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दिया गया। क्षेत्र में असमाजिक अपराधिक तत्वों का बोल बाला बना हुआ है। जानकारी अनुसार इस जगह पर मंदिर का पुजारी रात में सोया करता था इसे इन दिनों राजीव युवा मितान क्लब के ऑफिस के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। समय पर लोगों ने आगजनी की घटना को नहीं देखा होता तो यह विकराल रूप धारण कर लेता और इसकी वजह से कोई बड़ी अनहोनी घटना घटित हो सकती थी।
राजीव युवा मितान क्लब में आग गुटबाजी का परिणाम है। खास बात ये है कि घटना स्थल कोतवाली और कोतरा रोड थाने के बीच स्थित है और अपराधिक तत्वों में इस बात का भी जरा सा खौफ नहीं है। इस आगजनी के पीछे उन्हीं असामाजिक तत्वों हाथ है जिनकी वजह से क्षेत्र में आए दिन घटनाएं कारित होते रहती हैं। आगजनी के बाद क्षेत्र आसपास के लोगों में दहशत है। बताया जा रहा है की यह सब उन्ही असामाजिक तत्वों का काम है जिनके खिलाफ पूर्व में भी मोहल्ले के कुछ लोगों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराया गया था लेकिन इन असामाजिक तत्वों के द्वारा उल्टा शिकायतकर्ताओं को ही फंसा दिया था इन पर पुलिसिया कार्रवाई न होने से इन असामाजिक अपराधिक तत्वों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे है और यह आगजनी भी उसी से प्रेरित है।
सीनियर पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार रात में हुए आगजनी की घटना के बाद सख्त तेवर दिखाए हैं और घटना के बाद रात को ही मामले की जानकारी लेने कोतवाली भी पहुंच गए थे। एसएसपी सदानंद कुमार ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र में गैंग के बढऩे की कोई बात नहीं है। हम त्वरित कार्रवाई करते हैं। पुलिस के संज्ञान में जो मामले हैं कार्रवाई होती है।
रायगढ़ पुलिस से नहीं संभल रही कोतवाली
आगजनी के बाद की स्थिति, हर मोहल्ले बिक रही अवैध शराब
कोतवाली क्षेत्र के लगभग सभी मोहल्ले में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से देसी और विदेशी शराब बिक रही है। उड़ीसा की अवैध शराब तो एक फोन पर उपलब्ध है जहां चाहो वहां उपलब्ध है। इंदिरा नगर में किसी भी समय, किसी भी दिन शराब तुरंत उपलब्ध हो जाती है। सोनिया नगर में 2 साल पहले पुलिस ने रेड मारी पर एक बड़ी रकम देकर सौदा हो गया जिससे कोचियों का मनोबल बढ़ा और वे इस पैटर्न पर कार्य कर रहे हैं कि शराब भेजिए सेटलमेंट आसानी से हो जाता है। इन्हीं अवैध शराब की उपलब्धता के कारण दुर्घटनाएं और अपराधी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। जूट मिल और चक्रधर नगर में उड़ीसा से आने वाली शराब और कच्ची शराब पर तो कार्रवाई होती रहती है लेकिन कोतवाली पुलिस ने शराब को लेकर बीते 2 सालों में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है बेखौफ शराब मोहल्ले मोहल्ले बिक रही है।
रामपुर भट्टी आसपास आराम से दिख जाएगी पुलिस
कोतवाली पुलिस के जवानों को अगर खोजना है तो आप रामपुर भट्टी के आसपास शाम ढलते जा सकते हैं। वे यहां शराबनोशी नहीं करते बल्कि यहां से शराब ले जाने या खुले में पीने वाले, विवाद करने वालों इन पर गिद्ध की तरह नजर लगाए बैठे रहते हैं जहां कुछ ऊपर नीचे होता है तुरंत उसे दबोच लेते हैं। मोबाइल कैमरे से फ़ोटो खींच उसे डराकर अवकातनुसार घूस लेकर छोड़ देते हैं। इस प्रक्रिया में सबकी मिली भगत है। जिसे थोड़ा सा ज्ञान है और कानून की बात करता है उसे थाने ले आते हैं और घूस की बढ़ी रकम के बाद बाइज्जत जाने देते हैं। एक बात और कोतवाली क्षेत्र में बेखौफ खुलेआम जाम छलकता है।
निरीक्षकों की नई पदस्थापना भी चर्चे में
प्रशासनिक आश्वयकता के दृष्टिगत शनिवार को 21 पुलिसकर्मियों का तबादला रायगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने किया जिसमें पांच निरीक्षकों का प्रभार बदला। इसमें कोतवाली प्रभारी का नाम नहीं था याने की वे अपने पद पर बने रहेेंगे। निरीक्षक कृष्णकांत सिंह जो कि रतनपुर में सुर्खियां बटोरेन के बाद रायगढ़ दोबारा लौटे है उन्हें थाना प्रभारी पूंजीपथरा का बनाया गया है। विदित हो कि पूंजीपथरा चारों ओर से उद्योगों से घिरा है और इसकी महत्ता सबसे ज्यादा है। कृष्णकांत पूर्व में भी यहां टीआई रह चुके हैं और दोबारा उसी थाने का चार्ज देना कई पुलिसकर्मियों के गले नहीं उतर रहा है कुछ लोग उनके 7 महीने बाद वापिस आने को लेकर चुनाव आयोग भी जा सकते हैं। वहीं तेज तर्रार निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह बैस को रीडर-1 बनाना भी आश्चर्यचकित है। मंगलवार को बड़े स्तर पर एक और लिस्ट प्रदेश से जारी होने की संभावना है उसके बाद संभव है कुछ बदलाव जरूर होंगे।