रायपुर। विभिन्न जिलों में सिविल सर्जन और सीएमएचओ की नियुक्ति के बारे में आज विधानसभा में प्रश्न उठाया गया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के होते हुए भी उन्हें दरकिनार कर केवल एमबीबीएस योग्यता धारी चिकित्सकों को सीएमएचओ और सिविल सर्जन जैसे प्रशासकीय पदों पर बैठाने की जानकारी मांगी गई। 20 प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ सिविल सर्जन को हटाकर पीजी और एमडी योग्यताधारी चिकित्सकों को पद सौंपने के संबंध में प्रश्न पूछा गया। जिसका लिखित जवाब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दिया।
भाजपा के विधायक राजेश मूणत ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से पूछा था कि जिलों में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी पीजी/ एमडी योग्यता वाले चिकित्सकों के पदस्थ होने के बाद भी 20 चिकित्सक, जिनकी शैक्षणिक योग्यता मात्र एमबीबीएस हैं को प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर प्रस्तुत किया गया है? यदि हां तो क्यों? क्या इन 20 प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ सिविल सर्जन को हटाकर अविलंब शासन वरिष्ठ चिकित्सकों को जो पीजी या एमडी योग्यताधारी हैं,उन्हें प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ सिविल सर्जन बनाया जाएगा?
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया है कि पीजी/ एमडी योग्यता धारी वरिष्ठ चिकित्सक होने के बावजूद मात्र एमबीबीएस डिग्रीधारी 20 चिकित्सकों को सिविल सर्जन और सीएमएचओ बनाया गया है। इसका कारण बताते हुए मंत्री ने कहा कि प्रशासनिक कार्य व्यवस्था के तहत प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ किया गया है। इन्हें हटाने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन्हें नहीं हटाया जाएगा। क्योंकि सीएमएचओ और सिविल सर्जन पद हेतु पीजी या एमडी योग्यताधारी की अनिवार्यता नहीं है।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को दरकिनार कर 20 चिकित्सकों को बनाया सीएमएचओ और सिविल सर्जन
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को दरकिनार कर 20 चिकित्सकों को बनाया सीएमएचओ और सिविल सर्जन
