रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक पेश करने का साय सरकार नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है. इस दौरान 13 विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें से पांच वित्त विभाग पेश करेगा. इनमें पेंशन फंड और ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी फंड भी शामिल है, जो देश में किसी राज्य द्वारा पेश किया गया अपनी तरह का पहला विधेयक होगा.
मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मीडिया से चर्चा में मानसून सत्र में रिकार्ड 13 विधेयक लाए जाने की संभावना है. अपने विभाग की जानकारी देते हुए बताया कि पांच विधेयक पेश किए जाएंगे. इनमें एससीआर (स्टेट कैपिटल रीजन) से संबंधित विधेयक – जो छत्तीसगढ़ के विकास यात्रा को ग्रोथ इंजन के तौर पर स्थापित करते हुए – रायपुर, नवा रायपुर, बीरगांव, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव को जोड़ते हुए, एनसीआर की तर्ज पर- स्टेट कैपिटल रीजन बनाने से संबंधित विधेयक आ रहा है है. यह महत्वपूर्ण है, यह आने वाले दशकों में छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने वाला होगा.
इसके अलावा पेंशन फंड पर आधारित विधेयक भी आ रहा है. इसका भी बहुत दूरगामी प्रभाव होगा. आने वाले समय में पेंशन की जरूरतें बढ़ेंगी, उसके लिए अभी से हम राशि इक_ा करने का प्रावधान कर रहे हैं, ताकि राज्य के दूरगामी वित्तीय हितों को सुरक्षित किया जा सके. आज ही केवल पैसा खर्च न करते हुए, भविष्य की जरूरतों के लिए पेंशन फंड स्थापित करने का काम कर रहे हैं.
इसके अलावा ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी फंड-भविष्य के लिए बेहतर आर्थिक स्थिरता की दृष्टि से यह भी एक नया विधेयक लाने जा रहे हैं. इसके अलावा 10 साल से पुराने विभिन्न प्रकार के कर देयता-जिनमें 25 हजार से कम देयता था- ऐसे 65 हजार मामले थे, 40 हजार से अधिक व्यापारी प्रभावित थे.
वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में हमने एलान किया था एक झटके में उसे माफ किया जाएगा. इसमें कुल टैक्स करीबन 10 करोड़ के आसपास था, इसे अगर हम वसूल करने जाते तो 10 करोड़ से ज्यादा स्थापना व्यय हो जाता. लेकिन हमारे व्यापारियों को वकील करना, कार्यालय को चक्कर काटना इन सबकी जरूरत पड़ती, इन सबसे मुक्ति मिलने जा रही है. वह भी लाने जा रहे हैं. ये सभी विधेयक राज्य को अच्छी स्थिति में लाने के लिए महत्वपूर्ण है.
राज्य गठन के बाद पहली बार अनुपूरक बजट नहीं
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने मानसून सत्र में अनुपूरक बजट नहीं लाने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि जब बजट आता है, तब पूरे एक साल की योजना होती है. हमने पहले से ही एक रिफार्म के तहत विभागों को एक साल के योजना बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. पहले यह होता था मानसून सत्र में प्रथम अनुपूरक, शीतकालीन सत्र में द्वितीय अनुपूरक आ गया, बजट सत्र में तृतीय अनुपूरक आ गया, एक मुख्य बजट अलग आ गया. कई बार विभागों का, कई लोगों का मानना हो जाता था कि चार-चार बजट आएगा. बजट एक साल की कार्ययोजना होती है, इस दृष्टिकोण से रिफार्म के तहत इस बार हमने अनुपूरक नहीं लाए है.
उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में एक अनुपूरक बजट- बहुत जरूरी (खर्च) होंगे- उसके लिए हम लाएंगे. भारत सरकार की योजनाओं से संबंधित जो जरूरतें होती है- राज्यांश की राशि होती है- उसके लिए हमने पहले ही आंकलन कर बजट में प्रावधान कर रखा है. एक बेहतर प्लानिंग – एक टाइम बीइंग के लिए प्लानिंग न हो इस सोच के साथ मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में प्रयास किया है. अनुपूरक बजट की जरूरत न पड़े. यह भी एक रिफार्म का हिस्सा है.
विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश नहीं करेगी। राज्य गठन के बाद पहली बार सरकार अनुपूरक बजट नहीं ले रही है। सरकार ने इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय को दे दी है। इस संबंध में विधानसभा और वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार के पास अगले तीन माह के खर्च लायक वित्तीय व्यवस्था होने की वजह से प्रथम अनुपूरक बजट पेश नहीं करने का निर्णय लिया गया है। यह भी बताया गया है कि सरकार ने बीते बजट सत्र में आकस्मिकता निधि में बढ़ोतरी कर दी थी। इसे इसी वित्त वर्ष से ही 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ का किया गया है। इस मद से 999 करोड़ तक के आकस्मिक खर्च किए जा सकेंगे।
मानसून सत्र में वित्त विभाग लाएगा पांच विधेयक
पेंशन फंड और ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी एक्ट लाने वाला देश का पहला राज्य
