सारंगढ़। जिला कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के निर्देश पर डॉ एफआर निराला के देख रेख में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग जारी है। वर्ष 2025 के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास जारी है। जिले में 271695 लोगों की जिनकी उम्र 30 वर्ष से ऊपर हो चुके है मधु मेह की जांच करनी थी इस के विरुद्ध जून 25 तक 161548 यानी 59 प्रतिशत की जांच 3 माह में हो चुकी है।इतने की जांच में 13553 व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित पाए गए है। इनकी लाइन लिस्टिंग करके उपचार दिये जा रही है। इनमें से 4353 की फॉलो अप भी की गई है जबकि – 3650 लोगों की मधुमेह कंट्रोल में है।
विदित हो कि – 271695 लोगों की उच्चारक्त चाप याने ब्लड प्रेशर की जांच करने के लक्ष्य में से 158493 लोगों का ब्लड प्रेशर की जांच की गई। इसमें 22011 लोगों की ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ पाया गया। जिसे उपचार में रखा गया इनका समय समय पर फॉलोअप भी किया गया। फॉलो अप किए ब्लड प्रेशर के मरीज 7467 है 7766 लोगों की ब्लड प्रेशर कंट्रोल में चल रही है। सभी को नियमित रूप से आयुष्मान आरोग्य मंदिर से दवाइयां प्रदाय की जाती है। उक्त दोनों बीमारी दवाई के अलावा उनको अपने खान पान में बदलाव के साथ जीवन शैली में भी बदलाव करने होते है। ये मरीज अकेले दवाई दे देने से ही ठीक नहीं होते बल्कि इनकी उत्तम जीवन शैली को अपनाने से ही ये बीमारी कंट्रोल में आते है। शरीर में जब शक्कर ( ग्लूकोस) की मात्रा बढ़ जाती है क्योंकि – शक्कर को पचाने के लिए इंसुलिन की जरूरत पड़ती है और जब शरीर के पैंक्रियाज से इंसुलिन नहीं बनती तब शक्कर की पाचन नहीं होती परिणाम खून में शक्कर की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे व्यक्ति को शक्कर की कम मात्रा लेनी होती है तथा शरीर की गतिविधि को बढ़ानी होती है। जिसमे पैदल चलना, साइकिल चलाना, पानी में तैरना,जोकिंग करना डांस करना या कोई भी कार्य करना जरूरी होता है, तब जाकर शक्कर की खपत खून से होती है। खून में शक्कर की खपत बढ़ाने के लिए ही दवाइयां दी जाती है । कुछ ऐसे ही ब्लड प्रेशर बढऩे से कुछ विशेष परहेज की जाती है। जिसमे भरपूर नीद लेना,कोई चिंता हो तो त्यागना, नमक के सेवन कम करना, तंबाखू, गुड़ाखू, बीड़ी, सिगरेट या नशा करने की आदत हो तो उसे छोडऩा , त्याग देने से ही ब्लड प्रेशर सामान्य होगी।
ज्ञातव्य है कि जरूरत के हिसाब से दवाइयां दी जाती है लेकिन जीवन शैली में बदलाव नहीं करने से अकेले दवाइयों से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं आती।? अत: ऐसे सभी मरीजों से आग्रह है कि – मधुमेह और ब्लड प्रेसर की शिकायत हो तो परहेज के साथ ही दवाइयां ले तथा योगा कसरत भी करे। याद रहे आज की जीवन शैली में सर्वाधिक मौत के लिए यही मधुमेह और ब्लड प्रेसर ही है। आज गैर संचारी रोगों के कारण ही मौतें ज्यादा हो रही है। अत: हमे अपने जीवन शैली में बदलाव जरूर करनी चाहिए आज 30 वर्ष के नीचे भी लोगों को हार्ट अटैक हो रही है रू4शष्ड्डह्म्स्रद्बड्डद्य इन्फोर्केशन हो रही है,स्ट्रोक भी हो रही है। गैर संचारी रोग की श्रेणी में तीसरा बड़ा कारण कैंसर है। जिसमे ओरल कैंसर याने मुंह की कैंसर,महिलाओं में स्तन कैंसर,और सर्वाइकल कैंसर मुख्य है इसकी भी स्क्रीनिंग नियमित रूप से की जा रही है। समुदाय में जिले अंतर्गत 30 प्लस 8 त्न लोगो को मधुमेह और 14 प्रतिशत लोग उच्चारक्त चाप से पीडि़त पाए गए। आइए हम सब इन बीमारियों की जांच कराए और स्वच्छ जीवन शैली अपनाए है। बीमारियों से बचे कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे अभी हर ब्लॉक में जाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे है।
कलेक्टर के निर्देश पर गैर संचारी रोगों की हुई स्क्रीनिंग
कलेक्टर के निर्देश पर गैर संचारी रोगों की हुई स्क्रीनिंग
