रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने देशभर के 345 पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों (क्रक्कक्कह्य) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग के अनुसार, इन दलों ने वर्ष 2019 से बीते छह वर्षों के दौरान किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है और इनका कोई सक्रिय कार्यालय भी मौजूद नहीं पाया गया है। निर्वाचन आयोग ने ऐसे सभी दलों को सूची से हटाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके तहत छत्तीसगढ़ में भी कई राजनीतिक दलों की पहचान की गई है, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर दिया जा रहा है। सुनवाई प्रक्रिया के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी इन दलों को डीलिस्ट करने का प्रतिवेदन निर्वाचन आयोग को भेजेंगे। अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।
प्रदेश के इन दलों को भेजा नोटिस
छत्तीसगढ़ एकता पार्टी- पता : 182/2, वार्ड नंबर 08, बड़े पदरमुड़ा रोड, जमगहन, तहसील मालखरौदा, जिला जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा- पता: पोस्ट ऑफिस दल्ली राजहरा, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी- पता: रामानुजगंज रोड, संजय पार्क के सामने, अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी- पता: बजरंग नगर, तात्यापारा वार्ड, रायपुर, छत्तीसगढ़ विकास पार्टी- पता: ए-12, फ्लैश विहार, न्यू पुरैना, पोस्ट रविग्राम, रायपुर, पृथक बस्तर राज्य पार्टी- पता : 8, सीनियर एचआईजी, सेक्टर-3, शंकर नगर, रायपुर, राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी- पता : प्लॉट नंबर 4, पुष्पक नगर, जुनवानी रोड, भिलाई, जिला दुर्ग, राष्ट्रीय मानव एकता कांग्रेस पार्टी-पता : गुरुद्वारा के पीछे, स्टेशन रोड, रायपुर, राष्ट्रीय समाजवादी स्वाभिमान मंच- पता- प्लॉट नंबर 33/34, लक्ष्मी नगर, रिसाली, भिलाई, जिला दुर्ग को नोटिस भेजा है।
गौरतलब है कि भारत में राजनीतिक दलों (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत अप्रमाणित) का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29्र के अंतर्गत किया जाता है। इस प्रावधान के तहत, कोई भी संघ एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने पर कर छूट जैसी कुछ विशेष सुविधाएं प्राप्त करता है। निष्क्रिय दलों पर चुनाव आयोग की सतर्क निगरानी
निर्वाचन आयोग का कहना है कि पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों की समीक्षा करना एक नियमित प्रक्रिया है। निष्क्रिय, अस्तित्वहीन या फर्जी गतिविधियों में संलिप्त दलों को सूची से हटाकर चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखना आयोग की प्राथमिकता है।इस कदम से यह भी सुनिश्चित होगा कि राजनीतिक दलों का पंजीकरण केवल वैध राजनीतिक गतिविधियों तक सीमित रहे और इसका दुरुपयोग न हो।
देशभर के 345 राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग की सख्ती
6 साल से निष्क्रिय दलों को किया नोटिस जारी



