बिलासपुर। 30 सितंबर को कोलइण्डिया/एसईसीएल से सेवानिवृत्त होने वाले निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल के सेवानिवृत्त होने पर एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन स्थित प्रांगण में 3 अक्टूबर को अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी (योजना-परियोजना/संचालन) एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी, श्रद्धा महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा, उपाध्यक्षागण-श्रीमती रीतांजली पाल, श्रीमती आर. राजी श्रीनिवासन, श्रीमती संगीता कापरी, श्रीमती सुजाता खमारी, विशिष्ट अतिथिगण दिलीप नंदा, श्रीमती संध्यारानी नंदा, राजेन्द्र नंदा, श्रीमती ज्येातिर्मय नंदा, विभिन्न विभागाध्यक्षों, क्षेत्रीय महाप्रबंधकों, संचालन समिति, सुरक्षा समिति, कल्याण मण्डल के पदाधिकारियों, एससी/एसटी/ओबीसी, सीएमओएआई एवं विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति में भावभीनी विदाई दी गई।
इस कार्यक्रम में स्वागतोपरांत निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल ने कोलइण्डिया में अपने 38 वर्षों से अधिक सेवाकाल के दौरान सबके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कोयला क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार कर अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध होते हुए निरंतर कार्यरत रहने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है। उन्होंने कहा एसईसीएल असीम संभावनाओं की कम्पनी है, यहाँ साधन, संसाधन की कोई कमी नहीं है, प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। एसईसीएल के पास जो ह्यूमन केपिटल है वो ब्राईट माईन्ड, टेलेन्टेड प्रोफेशनल्स से भरा है, हार्ड वर्किंग व डेडिकेटेड लोगों की टीम है, निश्चित रूप से यह टीम आने वाले समय में कम्पनी को नई ऊँचाईयों पर ले जाएगी। उन्होंने एसईसीएल में बिताए अपने पलों को साझा करते हुए एसईसीएल द्वारा दिए गए इस आत्मीय सम्मान के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने कहा पाल अपने कठिन परिश्रम, जटिलतम समय में ठोस निर्णय लेते हुए दूरगामी सोच व धैर्य से कार्य करते हैं। वे रचनात्मकता, कार्यकुशलता, सेवाभावना से आगे बढ़ते गए जो सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत व मिसाल हैं। अपनी लगन, मेहनत, अपनी सटीक निर्णय क्षमता के बलबूते ही वे एसईसीएल जैसी प्रतिष्ठापूर्ण कोयला उत्पादक कम्पनी के निदेशक तकनीकी संचालन जैसे जिम्मेदारीपूर्ण पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अंत में उन्होंने पाल के सपरिवार सुखमय भविष्य की कामना ईश्वर से की। निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन ने कहा पाल परिपक्व माईनिंग इंजीनियर हैं। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी संयम को बनाए रखते हुए उसका हल निकाल लेना पाल की सबसे बड़ी खूबी है। निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी ने कहा कि पाल की विपरीत परिस्थतियों में कार्य कैसे करना है, लक्ष्य तक कैसे पहुँचना है यह इनकी खूबी है। निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या ने कहा इनमें मानवीय दृष्टिकोण कूट-कूटकर भरा है। आप स्वप्नदृष्टा, कार्यनीतिज्ञ और कार्यकुशल व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं।
मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी ने कहा पाल की कोयला उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने की विलक्षण शैली है। पाल नयी तकनीकी एवं परम्परागत खनन पद्धति का समायोजन, खान दुर्घटनाओं में कमी लाने की तकनीक, खानों में उत्तम कार्य दशा, कामगारों एवं उनके परिवार के कल्याण आदि के लिए प्रयासरत रहे जो कि सराहनीय व प्रेरणास्पद है।
इस अवसर पर श्रमसंघ पदाधिकारीगण हरिद्वार सिंह (एटक), गोपाल नारायण सिंह (एसईकेएमसी), बीएम मनोहर (सीटू), ने अपने-अपने सम्बोधन में कहा कि पाल बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, नम्रता एवं मिलनसारिता की खान, कर्मठता की प्रतिमूर्ति हैं। आपने सदैव अधीनस्थों को प्रेरित कर वैचारिक व प्रेरणास्पद नेतृत्व मुहैया कराया जिससे लोग स्वमेव सर्वोत्तम प्रयास करते हुए निष्ठापूर्वक कार्य निष्पादित करने के लिए प्रोत्साहित हुए। इस अवसर पर स्वागत भाषण महाप्रबंधक (विक्रय/विपणन) सी.बी. सिंह ने प्रस्तुत किया जबकि मानपत्र का पठन महाप्रबंधक कुसमुण्डा क्षेत्र संजय मिश्रा ने किया जिसे निदेशक मण्डल द्वारा एस.के. पाल को भेंट किया गया। कार्यक्रम में जनसंपर्क विभाग द्वारा संग्रहित फोटो एलबम व प्रेस कतरनें प्रस्तुत की गयी जिसे निदेशक मण्डल द्वारा एस.के. पाल को भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रबंधक (पर्यावरण) शेख जाकिर हुसैन ने किया जबकि अंत में उपस्थितों को धन्यवाद ज्ञापित महाप्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) आर.पी. सिंह ने किया।
सेवानिवृत्ति के अवसर पर निदेशक तकनीकी संचालन एस.के. पाल को दी भावभीनी विदाई
पाल की सेवाभावना व समर्पण एक मिसाल - डॉ. प्रेम सागर मिश्रा
