धरमजयगढ़। जिले में हाथी के हमले से 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। बुजुर्ग अपने निर्माणाधीन मकान के बाहर सो रहा था। तभी जंगल से आई मादा हाथी अपने शावक के साथ घर के पास पहुंच गई और बुजुर्ग पर हमला कर दिया। उसकी पत्नी खतरा भांपकर खाट पर चुपचाप पड़ी रही, जिससे वह बाल-बाल बच गई। घटना बाकारूमा रेंज की है।
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात को बाकारूमा निवासी दौलतराम राठिया अपने निर्माणाधीन मकान के बाहर सो रहा था। उसके बगल में खाट पर उसकी पत्नी भी सो रही थी। तभी देर रात करीब 3 बजे जंगल से एक मादा हाथी अपने शावक के साथ गांव की ओर आ गई। जैसे ही मादा हाथी मकान के पास पहुंची, गांव के कुत्ते भौंकने लगे जिससे दौलतराम और उनकी पत्नी की नींद खुल गई। हाथी को देखकर दौलतराम उठने की कोशिश करने लगे, तभी मादा हाथी ने उन पर हमला कर दिया और पैरों से कुचल दिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। वहीं, हाथी को देख उसकी पत्नी चुपचाप खाट पर पड़ी रही। इससे उसकी जान बच गई।
ग्रामीणों ने हल्ला कर भगाया
तब तक हाथियों की जानकारी गांव के अन्य लोगों को लग चुकी थी। ऐसे में ग्रामीणों ने शोर मचाया, तो हाथी अपने शावक के साथ वापस जंगल की ओर लौट गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने मामले की सूचना वन विभाग को दी गई। घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया। मृतक के परिजनों को तत्काल राहत के तौर पर 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है। बताया जा रहा है कि बाकारूमा रेंज में इस समय लगभग 19 हाथियों का दल घूम रहा है। मामले में आगे की कार्रवाई वन विभाग द्वारा की जा रही है।
गांव में कराई गई थी मुनादी
लैलूंगा के एसडीओ एमएल सिदार ने बताया कि हाथियों की गतिविधि को देखते हुए बाकारूमा क्षेत्र के प्रभावित गांवों में पहले से ही मुनादी कराई गई थी। उन्होंने बताया कि घटना के समय पति-पत्नी घर के बाहर सो रहे थे। इसी दौरान कुत्तों के भौंकने से हाथी उग्र हो गया और जैसे ही मृतक नींद से उठा तो हाथी ने उस पर हमला कर दिया। फिलहाल मामले की जांच और आगे की प्रक्रिया जारी है।
हाथी ने कुचलकर ले ली बुजुर्ग की जान
घर के बाहर सो रहे थे पति-पत्नी, महिला ने चुप रहकर बचाई अपनी जान
