रायगढ़। शहर के बैकुंठपुर के महावीर चौक स्थित हनुमान मंदिर अपने नए रूप में भक्तों की आस्था का केंद्र बना है। दरअसल, 70 के दशक वाले इस देवालय का जीर्णोद्धार कर मनमोहक मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने से यहां दो दिन तक जो धार्मिक आयोजन हुए, उससे बैकुंठपुर में भक्ति की लहर है।
हैजा से बचाव के लिए मंदिर की हुई थी स्थापना
स्थानीय बैकुंठपुर के लोगों की माने तो 70 के दशक में जब हैजा जैसी खतरनाक बीमारी फैली थी, तब भुजबंधान तालाब के समीप महावीर चौक में मोहल्ले के लोगों ने वहां एक शिला को ही रामभक्त हनुमान का रूप देते हुए पूजा-अर्चना शुरू की। चूंकि, इस मंदिर की स्थापना होने के बाद बैकुंठपुर मे महामारी का असर नहीं हुआ, तब से इस मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना होने लगी। सन 80 के दशक में इस मंदिर को भव्यता देने के लिए गीता भवन बैकुंठपुर के पंजाबी बाबू ने निर्माण कराया।
जनसहयोग से बदली मंदिर की तस्वीर
हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार में नितिन पंजाबी (सिंधु बुक डिपो) तो राम दरबार की मूर्ति राजेन्द्र साहू, हनुमान प्रतिमा को प्रभात पटवा और शिव-पार्वती की प्रतिमा का निर्माण सुमित दुबे ने करवाया। इसी तरह संतोष उपाध्याय और बरत राम यादव का भी विशेष सहयोग रहा। वहीं, बैकुंठपुर वासियों ने भी बढ़चढ़ कर कार्यक्रम को सफल बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
यादगार रहेगा धार्मिक कार्यक्रम
वहीं, अब 45 वर्ष बाद सिंधु बुक डिपो के संचालक नितिन पंजाबी ने मंदिर को नवरूप देने के लिए पुन: निर्माण कराया। इस बार हनुमान के साथ शिव-पार्वती और राम दरबार की मूर्ति भी संगमरमर की स्थापित की गयी है। गत 2 मई की सुबह 8 बजे कलश यात्रा के साथ धार्मिक कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ। फिर मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जनसैलाब उमड़ा रहा। पंडित रितेश शुक्ला, लोमस तिवारी और अक्षय तिवारी ने विधिवत पूजा अर्चना कराते हुए लोगों को पुण्य का भागीदार बनाया। देर शाम महाप्रसाद वितरण भी हुआ।
70 के दशक के हनुमान मंदिर की बदली रंगत
रायगढ़ के बैकुंठपुर में राम दरबार, शिव-पार्वती और संकट मोचक प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा
