रायगढ़। शहर के प्रतिष्ठित दंत चिकित्सक डॉ राजेश मिश्रा परिवार की अभिनव पहल से बड़ी श्रद्धा के साथ विगत 30 से 6 मई तक सात दिवसीय संगीतमयी पावन श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन सामुदायिक भवन बोईरदादर चौक डॉ मिश्रा दंत चिकित्सालय के पास किया जा रहा है। कथा व्यास पीठ में परम पूज्य श्री उपेन्द्र कृष्ण भारद्वाज महाराज विराजित हैं और यजमान श्रीमती देववती-भोला मिश्रा व आयोजक संजय मिश्रा हैं। वहीं प्रतिदन दोपहर तीन बजे से प्रभु श्री हरि की इच्छा तक श्रद्धालुओं को बड़े ही सहज सरल ढंग से कथा का रसपान करा रहे हैं।
आज रुक्मिणी विवाह प्रसंग
पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत प्रहलाद चरित्र कथा व श्रीकृष्ण जन्म के पश्चात आज 4 मई को बाललीला, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग, 5 मई महारास प्रसंग व रुक्मिणी विवाह व 6 मई को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष कथा, तुलसी वर्षा, पूर्णाहुति व हवन यज्ञ का आयोजन होगा। वहीं सात दिवसीय पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन को भव्यता देने में डॉ राजेश मिश्रा परिवार के सभी सदस्यगण जुटे हैं।
इंद्र का अहंकार \चूर हुआ
कथा प्रसंग के अंतर्गत व्यास पीठ पर विराजित पं उपेन्द्र कृष्ण भारद्वाज जी ने प्रभु श्री हरि की बाल लीला का मधुर भजन के साथ सुनाए जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालुगण अत्यंत ही हर्षित हो गए इसी तरह गोवर्धन प्रसंग के अंतर्गत उन्होंने बड़े ही सहज सरल ढंग से कहा कि कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन कार्यक्रम की तैयारी करते हैं. लेकिन भगवान कृष्ण उनको इंद्र की पूजा करने से मना कर देते हैं। गोवर्धन की पूजा करने के लिए कहते हैं। यह बात सुनकर भगवान इंद्र नाराज हो जाते हैं और गोकुल को बहाने के लिए भारी वर्षा करते हैं। इसे देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं।भारी वर्षा को देखकर भगवान कृष्ण कनिष्ठ अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी लोगों को उसके नीचे छिपा लेते हैं। भगवान द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों को बचाने से इंद्र का घमंड चकनाचूर हो गया।वहीं मथुरा को कंस के आतंक से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। इस तरह से कथा स्थल में श्रीमद्भागवत गीता की पावन कथा बह रही है। जिसका रसपान श्रद्धालुगण कर रहे हैं।
अहंकार का समूल नाश करते हैं श्रीहरि : पं उपेन्द्र कृष्ण
बोईरदादर चौक में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
