रायगढ़। छेड़छाड के मामले में जेल की हवा खाने के बाद पीडि़ता तथा उसके परिजनों को केश वापस लेने बाबत लगातार प्रताडि़त करने तथा इसी प्रताडऩा से क्षुब्ध होकर पीडिता के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने कर लेने के मामले में सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आज आरोपी को दोषी करार देते हुए सात साल के सश्रम कारावास तथा अर्थदण्ड से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि अभियुक्त कन्हैया लाल दलाल 36 साल निवासी इंदिरा नगर के द्वारा साजिया नाज के साथ छेड़-छाड़ किया जाता था, जिसकी रिपोर्ट पीडि़ता साजिया नाज ने सिटी कोतवाली थाने में की थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी कन्हैया को गिरफ्तार करते हुए छेड़छाड़ के मामले में जेल दाखिल कराया था। आरोपी कन्हैया लाल दलाल जमानत पर छूट कर आने के पश्चात साजिया नाज तथा उसके पिता को रिपोर्ट वापस लेने के लिए धमकी देता रहा। उसकी बात नही मानने पर अपने पास रखे फोटो वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी भी दिया जाता रहा। जिससे मानसिक रूप से परेशान होकर साजिया नाज ने 28 अक्टूबर 2021 को इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बावजूद आरोपी कन्हैया लाल दलाल अपनी हरकतों से बाज नही आया और साजिया नाज को लगातार केस वापस लेने के लिए दबाव देकर धमकी दिया जाता रहा तथा मोबाईल में फोटो दिखाकर बदनाम करने का प्रयास किया गया जिससे प्रताडित होकर 17 नवंबर 2021 को साजिया नाज अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इस मामले में जांच उपरांत पुलिस ने आरोपी को सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार सिन्हा की अदालत में पेश किया गया जहां दोनों पक्षो की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कन्हैया लाल दलाल को धारा 306 के तहत दोषी करार देते हुए 07 साल के सश्रम कारावास के अलावा 1 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड की राशि न पटाने पर 06 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान रखा गया है। इस मामले में लोक अभियोजक दीपक शर्मा ने पैरवी की।
सुसाईड के लिये प्रेरित करने के मामले में आरोपी को 7 साल कड़ी कैद
अदालत ने जुर्माने से भी किया दंडित, छेड़छाड व लगातार प्रताडना के बाद पीडि़ता ने फांसी लगाकर दी थी जान
