रायगढ़। श्री बालाजी मेट्रो अस्पताल में पहली बार बड़े मुँह के ट्यूमर (अमेलोब्लास्टोमा) का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। इस सर्जरी में मरीज के जबड़े (मैंडिबल) की हड्डी को हटाकर पैर की हड्डी (फ्री फाइबुला फ्लैप) से पुनर्निर्माण किया गया, जिससे जबड़े का प्राकृतिक आकार बरकरार रहा। यह रायगढ़ के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे मरीज को कैंसर के इलाज के साथ-साथ चेहरे की संरचना बनाए रखने में भी मदद मिली।
ऑन्कोसर्जन डॉ. यश चड्ढा के नेतृत्व में इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। माइक्रोवास्कुलर एनेसटॉमोसिस के जरिए गर्दन की धमनियों और शिराओं को जोड़ा गया, ताकि प्रत्यारोपित हड्डी में रक्त संचार बना रहे और फ्लैप जीवित रहे। इस उन्नत तकनीक की मदद से मरीज भविष्य में अपने दाँत भी लगवा सकेगा, जिससे उसे भोजन करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
इस सर्जरी को सफल बनाने में डॉ. यू.एस. गुप्ता (एनेस्थीसिया विशेषज्ञ), डॉ. रश्मि (ईएनटी सर्जन), डॉ. रौनक कालवानी (प्लास्टिक सर्जन), श्री रमेश्वर, श्री संजय, श्री हरीश, सिस्टर ज्योति, और सिस्टर पूजा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह श्री बालाजी मेट्रो अस्पताल में पहली बार हुआ है कि इस तरह की अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजी सर्जरी की गई है। अस्पताल में डॉ. यश चड्ढा के नेतृत्व में शुरू हुए ऑन्कोलॉजी विभाग के कारण अब रायगढ़ और आसपास के मरीजों को इस तरह के जटिल ऑपरेशन के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉ. यश चड्ढा ने कहा हमारा उद्देश्य है कि मरीजों को उनके अपने शहर में ही उच्चस्तरीय कैंसर उपचार मिले। इस सर्जरी से मरीज का जबड़ा संरक्षित रहने के साथ-साथ उसका चेहरा भी सामान्य दिखेगा और भविष्य में वह बिना किसी परेशानी के भोजन कर सकेगा। यह उपलब्धि रायगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी और भविष्य में और अधिक मरीजों को अत्याधुनिक कैंसर उपचार का लाभ मिलेगा।
श्री बालाजी मेट्रो अस्पताल में पहली बार हुआ बड़े मुँह के ट्यूमर की सफल सर्जरी
