रायगढ़। जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत् कोयला प्रभावित क्षेत्र मूड़ागांव सरईटोला के ग्रामीणों ने कम्पनी प्रबधक द्वारा जंगलों की कटाई के खिलाफ जंगल में एक जूट होकर आज तीसरे दिन भी आंदोलन स्थल पर डटे रहे ग्रामीण अपनी जमीन और जंगल की रक्षा के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि महाजेंको कंपनी कोयला खनन के लिए जंगल काटने की कोशिश कर रही है, जिससे पर्यावरण और वन्यजीवों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि दलाल सक्रिय होकर चोरी-छिपे जंगल काटने का प्रयास कर रहे हैं।
इस आंदोलन के तहत ग्रामीण, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी जंगलों से चिपककर अपनी भूमि और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का संकल्प ले रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जंगल कटाई बंद नहीं की गई, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से जंगलों की अवैध कटाई रोकने और महाजेंको के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मुद्दे पर प्रशासन की चुप्पी और दलालों की सक्रियता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
आंदोलन के तीसरे दिन 1 अप्रैल को रोड़ोपाली, सराईडिपा, मुड़ागांव, बांधापाली एवं ग्राम पाता के ग्रामीणों ने एक जूट होकर आपस में आवश्यक बैठक की जिसमें महाजेंको कम्पनी द्वारा मनमानी ढंग से हो रही जंगल की कटाई को रोक लगाने एवं कम्पनी से हो रही विभिन्न समस्याओं की प्रस्ताव बना गया व तमनार थाना में जा कर जल्द ही न्याय के लिए ज्ञापन सौंपा है।
इस बैठक में तमनार गोड़ी उपसरपंच, कोसमपाली से समाजिक कार्यकर्ता बीडीसी कन्हाई पटेल व पेलमा गांव से सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हो आंदोलन को समर्थन दिया है।
ग्रामीणों का यह आंदोलन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ी पहल है, जो जंगलों को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और ग्रामीणों की मांगों पर क्या कार्रवाई की जाती है।
जंगल बचाने मुड़ागांव सरईटोला में चल रहा आंदोलन
तीसरे दिन कम्पनी के खिलाफ ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
