रायगढ़। शहर सहित अंचल में इन दिनों चैत्र नवरात्र की धूम मची हुई है। ऐसे में सुबह से ही माता के दरबार में भक्तों का जमावड़ा शुरू हो जा रहा है जो देर रात तक माता के जस गीत व जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। ऐसे में मंगलवार को माता का तीसरा रूप चंद्रघंटा मां की अराधना की गई। जिससे देवी मंदिरों में भक्त हाथों में नारियल लिए अपनी मनोकामना पूरी करने ध्यान में लीन रहे।
उल्लेखनीय है कि नवरात्र के नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति की अराधना के इस पर्व में माता के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा हर दिन धूमधाम से हो रही है। जिसके चलते देवी मंदिरों में पूरे दिन भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। ऐसे में मंगलवार को शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में अच्छा-खासा भीड़ रहा। साथ ही शहर के पूज्य मां गुरु अघोर शक्ति पीठ भगवानपुर मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए विशेष तरह की व्यवस्था की गई है, जिससे भक्त पूजा-पाठ के बाद ज्योति दर्शन का भी लाभ ले रहे हैं। वहीं अंचल के प्रसिद्ध देवी मंदिर चंद्रहासिनी माता, नाथल दाई मंदिर, बंजारी माता मंदिर व बुढ़ी माई मंदिर में जिले के साथ-साथ ओडिशा प्रांत से भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। भक्तों का कहना है कि नवरात्र के दिनों में माता के अलग-अलग रूपों की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्त होती है। साथ माता के आरती में शामिल होने के लिए कई भक्त घंटों इंतजार करते नजर आए। वहीं पंडित का कहना है कि मां चंद्रघंटा की अराधना करने से दुखों का नाश होता है। साथ ही घंटा की आवाज से ही असूरों का नाश हो जाता है। यही कारण है कि भक्त नवरात्र के नौ दिनों तक पूरी तनमन से माता की पूजा करते हैं और इनकी मनोकामना भी पूर्ण होती है। मां का यह तीसरा स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।
नवरात्र के तीसरे दिन मंगलवार को शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्त पहुंचने लगे थे, जिससे माता के जयकारे के साथ जसगीत भी पूरे अंचल में गंूजता रहा। इस संबंध में मंदिर आने वाले भक्तों का कहना था कि नवरात्र के नौ दिनों तक माता के आरती में हर भक्त शामिल होने का प्रयास करते है, जिसके चलते सुबह-शाम माता ज्यादा भीड़ हो रही है।
आज होगी कुष्मांडा देवी की पूजा
बुधवार को माता कुष्मांडा देवी की पूजा की जाएगी, जिसके लिए भक्तों में काफी उत्साह देखा गया। वहीं मंदिर समिति द्वारा मां कुष्मांडा देवी के पूजा के लिए एक दिन पहले से ही तैयारी पूरी कर लिए हैं। ताकि सुबह से भक्त माता के दरबार में पहुंचे तो किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
हर दिन लग रहा महाभोग
दादी समिति की श्रद्धालु व सदस्यगण नवरात्रि के पहले ही दिन से बुढ़ी माई मंदिर में महाभंडारा का आयोजन कर रहे हैं। जहाँ दर्शन करने आए भक्तगण महाप्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बन रहे हैं। वहीं आज तीसरे दिन भी माता की पूजा भोग के बाद सुबह 10.30 से महाभंडारा प्रारंभ हुआ जो दोपहर तक अनवरत चलता रहा।
तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की अराधना में लीन रहे भक्त
‘झूपत-झूपत आवे माई मोरे आंगना हो’ के गीत से गंूजता रहा अंचल
