रायगढ़। प्लांटों के रास्ते मे चल रहे ढाबे उद्योगों के लिए अभिशाप बनते जा रहे हैं इन ढाबों में खाना परोसने की जगह उद्योगों में आने वाले खनिज की अफरातफरी करने का मुख्य अड्डा बन गया है। जिसके कारण उद्योगों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है। खनिज विभाग प्लांटों में तो जांच करती है पर इन ढाबों में हो रही अफरातफरी अधिकारियों को नजर नहीं आती। पुलिस भी ऐसे ढाबों पर कार्रवाई से बचती दिखती है।
उद्योग नगरी रायगढ़ में वृहद उद्योगों की भरमार है। पूर्वांचल से लेकर घरघोड़ा और तमनार मार्ग में स्थित इन उद्योगों के जाने वाले मार्गों बड़े बड़े ढाबे वर्षो से चल रहे हैं। इन ढाबों को लगाने का मकशद तो ड्राइवरों और प्लांट कर्मियों को खाना खिलाकर व्यवसाय करना था लेकिन अब इन ढाबा संचालकों का यह मकशद बदल चुका है। अब ढाबों की आड़ में स्पंज आयरन, आयरन ओर और कोयले की अफरातफरी हो गया है। जिसमे ढाबा संचालक उद्योगों को नुकसान पहुंचाकर खुद हर दिन लाखों की अवैध कमाई कर रहे हैं। लेकिन खनिज की चोरी और अफरातफरी करने वाले इन ढाबा संचालकों पर खनिज विभाग कभी कोई कार्रवाई नहीं करती। सूत्रों की माने तो ढाबा में तैनात लठैत उन रास्तो पर चलने वाले प्लांट की वाहनों से हर दिन कोयला और स्पंज आयरन की कुछ मात्रा निकालकर ट्रकों में मिट्टी, छाई और पानी मिला देते हैं। इन ढाबों में कुछ ड्राइवरों की साठगांठ से तो कुछ ढाबा संचालकों के लठैतों की दबंगई से खनिज की अफरा-तफरी हो रही। इन मार्गों में हर दिन सैकड़ों ट्रक निकलते हैं ऐसे में थोड़ा थोड़ा करके इन ढाबो में एक ही दिन में कई टन खनिज जमा हो जाता है। जिसके बाद इसी चोरी के स्पंज आयरन और कोयले को उन्हीं प्लांटों को ऊंचे दर में बेच देते हैं। इस तरह हर दिन लाखों की अवैध कमाई इन ढाबों में की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इन प्लांटों के रास्ते मे स्थित स्टार, रौनक, पटेल और लक्की नाम के ढाबों में जबरदस्त तरीके से खनिज की अफरातफरी हो रही है। बताया जा रहा है कि ये ट्रांसपोर्टर से 25 रुपए केजी में स्पंज लेते हैं और उसमें ब्लेक डस्ट मिलाकर दे देते हैं। इसी तरह कोयले को 2500 रुपये टन लेते हैं और कोयले में चारकोल और पानी मिलाकर ड्राइवर को देते हैं। आयरन ?र में लाल मिट्टी और पानी मिलाकर 3000 रुपये मिट्रिक टन में बेच देते हैं।
अपने ही माल को ढाबा संचालकों से खरीदने की मजबूरी अब उद्योगपतियों को बर्दाश्त नही हो रही है। वर्षो से नुकसान झेल रहे उधोगपति अब इस मामले को लेकर गम्भीर नजर आ रहे हैं खासकर छोटे उद्योगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को लेकर उधोगपतियों का एक दल उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत के मूड में है।
उद्योगो के लिए जी का जंजाल बने ढाबे
प्लांटों में जाने वाले स्पंज आयरन व कोयले की हो रही खुलेआम अफरातफरी
