बिलासपुर। प्रतिबंध के बाद भी हो रही ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। वहीं, आईपीएल क्रिकेट मैच शुरू होते ही ऑनलाइन बेटिंग ऐप कंपनियों ने पंपलेट भी जारी किया है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने गृह सचिव समेत अन्य को नोटिस जारी कर शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। साथ ही महाधिवक्ता से पूछा है कि बैन के बाद भी ऑनलाइन सट्टा कैसे चल रहा है। रायपुर निवासी एस नामदेव ने एडवोकेट अमृतो दास और वैभव तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है, इसमें बताया है कि प्रदेश में ऑनलाइन सट्टा पर बैन लगा दिया गया है। इसके बाद भी कई कंपनियां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए खुलेआम सट्टेबाजी कर रहे हैं।
याचिका में बताया गया है कि आम लोगों को महज कुछ रुपए दांव लगाने पर करोड़ों रुपए जीतने का प्रलोभन दिया जा रहा है। याचिका के साथ 2 कंपनियों के दस्तावेज भी पेश किए गए हैं। इसमें वर्तमान में चल रहे आईपीएल क्रिकेट से जुड़े पंपलेट और विज्ञापन भी शामिल हैं। याचिका में बताया गया कि इस तरह से कई प्लेटफॉर्म में सट्टेबाजी चल रही है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि ये दस्तावेज कोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल करें और इसकी कॉपी राज्य सरकार के वकील को भी दें। राज्य के अधिवक्ता को इन दस्तावेजों पर जवाब देने की अनुमति दी गई। याचिकाकर्ता के वकील ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए 24 घंटे का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गृह सचिव को मामले में शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है। साथ ही महाधिवक्ता से पूछा है कि प्रतिबंध के बाद भी ऑनलाइन बेटिंग कैसे चल रही है। साथ ही संबंधित कंपनियों को भी नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
ड्रीम 11 पर भी उठे सवाल
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने ड्रीम 11 जैसे गेमिंग ऐप पर भी सवाल उठाए। इस पर चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि यह सब देखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। जिनके खिलाफ याचिका लगाई गई है। पहले उनको देखें। इसके साथ-साथ राज्य सरकार को निगरानी करनी चाहिए कि प्रदेश में प्रतिबंध के बाद भी ड्रीम 11 ऐप कैसे चल रहा है।
बैन के बाद भी बेखौफ चल रहे आईपीएल पर सट्टा
बेटिंग ऐप पर हाईकोर्ट ने गृह सचिव से मांगा जवाब
