रायगढ़। अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान परियोजना के तहत अनुसूचित जनजाति उपयोजना अंतर्गत बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, सरकंडा, बिलासपुर ने ग्राम भोथिया, विकासखंड जैजैपुर, जिला सक्ती में एक दिवसीय कृषक संगोष्ठी एवं गेहूं दिवस का आयोजन किया।वहीं जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में श्रीमती जानकी सत्यनारायण चंद्रा, सदस्य, प्रबंध मंडल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर मुख्य अतिथि रहीं, जबकि डॉ. एन.के. चौरे, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. दिनेश पांडे, प्रमुख अन्वेषक (सस्य विज्ञान), अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान परियोजना के निर्देशन में किया गया।
गेहूं की उन्नतशील प्रजातियों का प्रदर्शन
अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत ग्राम भोथिया, चिखल रोंदा एवं केकरामाट के 35 चयनित कृषकों के खेतों में 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की उन्नतशील प्रजातियों का अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन लगाया गया। वहीं इस प्रदर्शन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा विकसित सीजी 1036 (विद्या), सीजी 1029 (कनिष्का), एचआई 8777 एवं जीडब्ल्यू 451 जैसी उच्च उत्पादकता वाली गेहूं की प्रजातियों को शामिल किया गया।
कृषक परिचर्चा एवं समस्याओं का समाधान
कृषक परिचर्चा के दौरान चूहों से होने वाले नुकसान और उनके नियंत्रण पर विशेष चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने व्यावहारिक एवं कारगर उपायों की जानकारी दी, जिससे किसान अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकें।इस आयोजन में 250 से अधिक कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारी श्री एन.आर. कोसले, टी.आर. साहू एवं प्रवीण यादव, ग्राम जनप्रतिनिधि सीताराम चंद्रा एवं मनहरण लाल बर्मन (सरपंच, चिखल रोंदा), तथा वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आर.के. शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित रहे।
तकनीकी सत्र एवं वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन
संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने धान के बाद धान (ग्रीष्मकालीन) न लगाकर गेहूं एवं अन्य रबी फसलों के अधिक से अधिक रकबे में विस्तार करने पर बल दिया।मुख्य अतिथि श्रीमती जानकी चंद्रा ने कृषकों से वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर फसलों की अधिकतम उत्पादकता प्राप्त करने का आग्रह किया। डॉ. एन.के. चौरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में गेहूं उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, और किसानों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत प्रजातियों को अपनाकर अधिक उपज प्राप्त करने की सलाह दी। उन्होंने कृषकों को ‘डॉक्टर मोबाइल एप’ के माध्यम से कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान प्राप्त करने की भी जानकारी दी।
कृषि उपकरणों का वितरण
कार्यक्रम के दौरान 25 हितग्राही कृषकों को कृषि आदान एवं बैटरीचालित स्प्रेयर वितरित किए गए, जिससे वे अपनी कृषि प्रक्रियाओं को और अधिक कुशल बना सकें। कार्यक्रम के अंत में सत्यनारायण चंद्रा ने सभी उपस्थित कृषकों, अतिथियों एवं वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।
कृषक संगोष्ठी एवं गेहूं दिवस का किया गया आयोजन
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र बिलासपुर की अभिनव पहल
