रायगढ़। विगत चार दिनों से जिले में हो रही रूक-रूक कर बारिश से केलो नदी उफान पर आ गया है। जिसके चलते मरीन ड्राइव व चक्रपथ डूब गया है। साथ ही पानी का बहाव तेज होने के कारण चक्रपथ मार्ग को बंद किया गया है, ताकि किसी प्रकार की हादसे से बचा जा सके। गौरतलब हो कि जिले में विगत चार दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश के बीच गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को दोपहर बाद बंद हुई है। इस दौरान कभी तेज तो कभी मध्यम वर्षा के होने के कारण केलो नदी ऊफान पर आ गया है। जिसके चलते फिर से सरिया-बरमकेला सहित अन्य क्षेत्रों में बाढ़ के हालत निर्मित होने लगा है। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी करते हुए डूबान क्षेत्रों में रेस्क्यू टीम भी तैनात कर दी गई है, ताकि किसी प्रकार की अप्रीय घटना न हो सके। वहीं मौसम विभाग द्वारा शुक्रवार को हर दिन घंटे में अलर्ट जारी किया जा रहा था कि जिले में तेज वर्षा के साथ वज्रपात होने की संभावना है, साथ ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तेज गर्जना के साथ पूरे दिन बारिश हुई है, जिसके चलते एक बार फिर से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। साथ ही मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी पूरे दिन हल्की से मध्य वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है क्योंकि अभी भी चक्रवात सक्रिय है जिसके चलते लगातार बारिश होने से अधिकतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। जिससे लोगों को गर्मी व उसम से राहत मिली है। साथ ही बताया जा रहा है कि एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण पूर्व झारखंड और उसके आसपास के क्षेत्र के ऊपर स्थित है तथा ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किमी ऊंचाई पर बना हुआ है। इसके साथ ही एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक स्थित है, जिसके चलते जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की से मध्य वर्षा हो रही है। वहीं रविवार से मौसम साफ होने की संभावना है, जिससे अधिकतम तापमान में फिर से वृद्धि होने की बात कही जा रही है।
चक्रपथ मार्ग हुआ बंद
विगत चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते जल स्तर काफी बढ़ गया है, जिसके चलते गुरुवार से ही केलो नदी उफान पर है, ऐसे में चक्रपथ के ऊपर करीब पांच फीट ऊपर से पानी बह रहा है। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग को बंद कर दिया गया है। साथ ही पानी का बहाव तेज होने के कारण चक्रपथ के बाद मरीन ड्राइव भी पानी से भर गया है। जिससे इस मार्ग से भी निकलना खतरे से खाली नहीं है।
फिर बाढ़ के बनेंगे हालात
उल्लेखनीय है कि लगातार बारिश के चलते और केलो नदी के उफान पर आने के कारण जिले के सरिया-बरमकेला सहित आधा दर्जन गांव में फिर से बाढ़ के हालात निर्मित हो सकता है। जिसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अभी से होमगार्ड की तैनाती के लिए आदेश किया गया है, ऐसे में अगर और बारिश होती है तो डूबान क्षेत्रों को नुकसान पहुंचेगा।
बारिश को देखते हुए कलेक्टर ने सभी विभागों को रखा अलर्ट पर
जिले में बीते दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के मद्देनजर बाढ़ की संभावना को देखते हुए कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने बाढ़ आपदा बचाव एवं राहत प्रबंधन के लिए सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री सिन्हा ने निर्देशित किया है कि जिले में बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखें। आपदा राहत से जुड़े सभी विभाग अपनी पूरी तैयारी रखें। जिससे किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पर तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सके। कलेक्टर श्री सिन्हा ने सभी राजस्व अधिकारियों को डूबान क्षेत्रों की जलस्तर की निगरानी के साथ राजस्व अमला को फील्ड पर निगरानी के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जिला सेनानी को होम गार्ड तथा एसडीआरएफ की टीम को पूरे संसाधनों के साथ तैयार रहने के लिए निर्देशित किया है ताकि आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।
टापू में बदल जाता है फुलवारी डीपा
पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जहां केलो नदी का जलस्तर काफी बढा हुआ है और नदी किनारे बसे मोहल्लों में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए हैं वहीं शहर के वार्ड नं.48 के एक मोहल्ले के रहवासियों को केलो नदी के जल स्तर बढऩे से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि भारी बारिश के चलते यह मोहल्ला अब टापू में तब्दील हो चुका है।
यूं तो शहर के बाईरदादर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मोहल्ला फुलवारी डीपा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नं. 48 के अंतर्गत आता है। इस मोहल्ले में 40 से 45 परिवार निवासरत हैं। परंतु नगर निगम क्षेत्र में रहने के बावजूद इस मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। अपनी समस्या लेकर इस मोहल्ले के रहवासी कई बार निगम कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं परंतु आज तलक इनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से केलो पूरे उफान पर है। इस वजह से इस मोहल्ले तक पहुंच मार्ग जलमग्न हो गया जिससे उन्हें आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
फुलवारी डीपा के लोगों ने बताया कि उनके मोहल्ले तक जाने वाला एकमात्र सडक़ हर साल केलो नदी का जलस्तर बढऩे की वजह से पानी में पूरी तरह डूब जाता है। चूंकि उन्हें मोहल्ले तक पहुंचने के लिये एक नाले के उपर बने छोटे से रपटा पुल को पार करके जाना पड़ता है, परंतु केलो नदी का जलस्तर बढ़े रहने की वजह से नाले का पानी नदी में नही जाता पाता और रपटा पुल के उपर तीन से चार फीट पानी भर जाता है साथ ही रपटा पुल के अगल-बगल में पांच से सात फीट पानी भरा रहता है। जिससे इस मोहल्ले में रहने वाले स्कूली छात्रों के अलावा रोजी मजदूरी करने वाले लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही साथ छोटे स्कूली बच्चों को नाला पार करते समय जान का खतरा बना रहता है।