रायपुर। बीएड सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। शुक्रवार को माना तूंता धरना स्थल में सहायक शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन करवाया है। इस दौरान सभी प्रदर्शनकारियों ने सरकार से समायोजन की मांग की है। इस आंदोलन में पुरुष शिक्षकों के साथ-साथ महिला टीचर्स ने अपने बाल कटवाए। उन्होंने कहा कि उनके भविष्य के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं। बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी, जो रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। जिसके बाद से वे लगातार हड़ताल पर बैठे हैं। महिला टीचर ने कहा है कि हमने सरकार की शर्तों का पालन कर बीएड की पढ़ाई पूरी की, पात्रता परीक्षा पास की, और बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू किया। अब हमारी योग्यता को ही अमान्य ठहराया जा रहा है। क्या शिक्षकों का भविष्य इस तरह असुरक्षित रहेगा? हम सभी ने कहा है कि हम न्याय मांग रहे हैं, दया नहीं। हमारा भविष्य सुरक्षित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
इस पूरे मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। भले ही इन शिक्षकों की नौकरी पर संकट तकनीकी रूप से अदालती निर्णय के कारण आया है, लेकिन सरकार चाहे तो इस समस्या का तत्काल निराकरण कर सकती है। सरकार के पास शिक्षा विभाग में ही अनेकों ऐसे पद है, जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। वर्तमान शिक्षा विभाग में 70 हजार पद रिक्त है। 33000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सरकार रोक कर रखी हैं। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे।
बीएड वाले 2900 सहायक शिक्षकों की 14 माह बाद आज नौकरी चली जाएगी। इसमें 56 लोग ऐसे हैं जो नौकरी छोडक़र सहायक शिक्षक बने थे। दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को 2 सप्ताह के भीतर डीएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति का आदेश दिया था और बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति रद्द करने को कहा था। जिससे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है। कोर्ट ने सख्त हिदायत दी थी कि 15 दिनों के भीतर ही भर्ती का प्रोसेस पूरा किया जाना है। कोर्ट ने सहायक शिक्षकों के पद के लिए केवल डीएड डिग्री होल्डर्स को ही उपयुक्त माना है।
अभ्यर्थियों की मांग
बीएड धारक शिक्षकों का समायोजन सुनिश्चित किया जाए।
सेवा समाप्ति के अन्यायपूर्ण आदेश पर तुरंत रोक लगाई जाए।
सभी शिक्षकों को न्यायपूर्ण अवसर और सम्मान दिया जाए।
रायपुर में सामूहिक मुंडन, महिलाओं ने भी कटवाए बाल
कांग्रेस बोली-70 हजार पद खाली, एडजस्टमेंट करे सरकार, बीएड सहायक शिक्षक बोले- न्याय मांग रहे, दया नहीं
