रायगढ़। जर्जर सडक़ निर्माण की मांग को लेकर एक बार फिर से दर्जनभर से भी अधिक गांव के ग्रामीणों ने चक्काजाम कर अनिश्चत कालीन आंदेालन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार आश्वासन के बावजूद सडक़ निर्माण का कार्य शुरू नही हो सका है, जिसके चलते काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि तमनार थाना क्षेत्र के हुंकराडिपा-मिलुपारा की खराब सडक़ को लेकर एक बार फिर आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत ग्रामीणों ने कर दी है। ऐसे में बुधवार को सुबह से ही ग्रामीणो ने खम्हरिया साप्ताहिक बाजार के पास अनिश्चितकालीन आंदोलन करते हुए सडक़ को जाम कर दिया है। जिससे सडक़ के दोनों ओर भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई है। चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें बारिश थमने के बाद 15 अक्टूबर से सडक़ निर्माण कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बावजूद आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिससे उन्हें और उनके बच्चों को उसी जर्जर सडकों से होकर गुजरना पड रहा है। जिसके चलते हादसों का भय हमेशा बना रहता है। साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि तमनार औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां की सडक़ों पर दिन-रात भारी वाहनों की रेलम-पेल लगी रहती है, जिसके चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं। ऐसे में अब इस जर्जर सडक़ के चलते स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इसके बाद भी विगत कई माह से सिर्फ आवश्वासन ही दिया जा रहा है। ऐसे में अब जब तक सडक़ निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
इस संबंध में ग्रामीणों की मानें तो हुँकराडिपा-मिलुपारा की सडक़ करीबन 10-12 गांवों को तमनार से जोड़ती है। जिससे रोजाना दैनिक रोजमर्रा की जिंदगी में आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी करने के लिये वनांचल क्षेत्र के लोग तमनार जाने जाने के लिये इसी मार्ग का ही उपयोग करते हैं। ऐसे में यह सडक़ अत्यंत जर्जर होने के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को हमेशा हादसे का भय सताते रहता है।
आए दिन होती है दुर्घटनाएं
उल्लेखनीय है कि इस मार्ग से रोजाना हजारों की संख्या में मिलुपारा, उरबा, पेलमा, हिंझर, कोडकेल, सेमिजोर, लालपुर के लोग भी उक्त सडक़ से तमनार की ओर आते-जाते हैं, लेकिन वर्तमान में सडक़ की स्थिति काफी दयनीय होने के कारण बारिश में कीचड़ तो अब बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने के कारण भारी वाहनों के गुजरते ही सडक़ से उठ रहे धूल के गुब्बार से लेाग परेशान हो रहे हैं। साथ ही धूल के कारण कई बार बाइक चालक अनियंत्रित होकर गिर जाते हैं, जिससे भारी वाहनों की चपेट में आने से इनकी मौत भी जो रही है। इसके बाद भी इस सडक़ को बनाने को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं हो रहा है। जिसके चलते अब अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू करना पड़ रहा है।
खेती कार्य छोड़ धरने पर बैठी महिलाएं
धरना प्रदर्शन में बैठी महिलाओं ने बताया कि इन दिनों धान कटाई के समय हो गया है, लेकिन खराब सडक़ को लेकर सभी कार्य छोडकर यहां बैठना पड़ रहा है। साथ ही इनका कहना था कि सभी कार्य से जरूरी यह सडक़ है, क्योंकि इस मार्ग से बच्चे से लेकर बड़े तक आना-जाना करते हैं। जिससे आए दिन हादसे का भय सताते रहता है। पूर्व के आंदोलन में दिए गए आश्वासन के तहत अगर सडक़ निर्माण कार्य शुरू हो गया होता तो अभी तक काम पूरा हो जाता, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ कोरा आश्वासन दिया जा रहा है।
मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
चल रहे धरना-प्रदर्शन की जानकारी मिलते के बाद शाम को नायब तहसीलदार व तमनार थाना प्रभारी आशीर्वाद राहटगांव अपनी टीम के साथ खम्हरिया सप्ताहिक बाजार पहुंच कर प्रदर्शनकारियों को समझाईश देने का प्रयास करते रहे, लेकिन देर रात तक स्थिति जस की तस बनी रही। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि जब काम शुरू नहीं होगा आंदोलन चलता रहेगा।
आश्वासन के बाद भी नहीं बनी सडक़
धरना-प्रदर्शन के साथ किया चक्काजाम, एक दर्जन से अधिक गांव के लोग कर रहे आंदोलन
