रायगढ़। शहर में साल 2024-25 के लिए कांग्रेस महापौर और पार्षद निधि की राशि नहीं भेजी गई है। इसको लेकर महापौर समेत पार्षदों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। एक दिन के लिए नगर निगम में धरने पर बैठ गए। निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। महापौर निधि को 1 करोड़ 12 लाख और पार्षद निधि को 6 लाख रुपए दिए गए थे, लेकिन अब तक वह राशि नहीं मिली है।
कांग्रेसियों ने बताया कि महापौर-पार्षद निधि के साथ संधारण मद की राशि भी नगर निगम में नहीं भेजी गई है। इस कारण शहर के वार्डों के सभी काम अधूरे पड़े हैं। जहां नाली, सडक़ और अन्य काम किया जाना था, वह भी पूरा नहीं हो पाया है। उनका कहना है कि वार्डवासी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उसका निराकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में वार्ड पार्षद और जनप्रतिनिधियों के प्रति वार्डवासी नाराज हैं। आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर कांग्रेस की महापौर सहित पार्षदों ने नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जल्द ही सभी मदों की राशि भेजने की मांग की।
विकास विरोधी सरकार- मेयर
मेयर जानकी काटजू का कहना है कि राज्य सरकार ने मेयर-पार्षद निधि जारी नहीं की है। जबकि यह राशि मार्च-अप्रैल में मिल जाती थी। जिसके बाद आम जनता की छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान हो जाता था, लेकिन उस राशि को रोक दी गई है। ऐसे में इस सरकार को विकास विरोधी कहा जा सकता है। आनन-फानन में विकास कार्यों को मंजूरी दी जा रही है और भूमि पूजन किया जा रहा है। इसके विरोध में आज एक दिवसीय धरना दिया गया है। इसके बाद भी अगर राशि जल्द जारी नहीं की गई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
जनता का रुपए जनता के लिए हो खर्च
वार्ड-17 के पार्षद सलीम नियारिया का कहना है कि, जनता किसी भी टैक्स के रूप में जो पैसे निगम को देती है। वही रुपए पार्षद निधि के रूप में मिलता है। यह जनता का रुपए जनता के काम के लिए ही खर्च होना चाहिए। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, लेकिन इस बार बड़ी विडंबना है। कोरोना काल में भी कांग्रेस ने यह राशि दी, लेकिन इस सरकार की नीयत खराब है। कागजों में बस विकासकार्यों की स्वीकृति दी जा रही है। उसके साथ दिए जाने वाले 40 प्रतिशत की राशि नहीं दे रहे हैं। भाजपा पार्षद इसलिए विरोध नहीं कर पा रहे, क्योंकि प्रदेश में उनकी सरकार है।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
आम जन की जो समस्या होती है उसे इसी निधि के पैसे पूरा किया जाता है। पूरे प्रदेश में महापौर निधि और पार्षद निधि को रोक दिया गया है जिसे शहर विकास विरोधी भी कहा जा सकता है। आने वाले समय में अगर राशि जारी नही की जाती है तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
महापौर सहित पार्षदों ने नगर निगम परिसर में दिया धरना
