धरमजयगढ़। प्रदेश में सुशासन का राजनीतिक दावा करने वाले आसन्न सरकार द्वारा जनहित योजनाओं को लेकर कई नए और सफल प्रयोग किए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न स्कीमों से ग्रामीणों को लाभान्वित करने की कवायद जारी है। लेकिन दूसरी ओर कुछ सरकारी कारिंदे सुशासन के दावों को ठेंगा दिखाते हुए मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। इस प्रकार की कार्यशैली से सरकार की सुशासन की मंशा पर बट्टा भी लगता नजर आता है।
जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें सरकारी नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है। यह मामला कोई पुराना नहीं बल्कि हाल ही का है। केंद्र सरकार की मनरेगा योजना से वन मंडल के छाल रेंज में पौधे तैयार करने के लिए हाल ही में जो मस्टर रोल भरे गए और मजदूरी भुगतान भी किया गया वह अपने आप में हैरान करने वाला और संदिग्ध है। सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध सरकारी विवरण के अवलोकन से पता चलता है कि छाल रेंज के मुनुंद रोपणी में मनरेगा से स्वीकृत किए गए एक पौध तैयारी कार्य में 15 अगस्त के दिन भी मजदूरों की हाजिरी भरी गई है। यानी राष्ट्रीय पर्व पर भी मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है और उसका भुगतान भी किया गया है। इसके अलावा इस कार्य के लिए भरे गए कई मस्टर रोल में हफ्ते के सातों दिन का मजदूरी भुगतान किया गया है।
विदित है कि 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व पर अवकाश घोषित किए जाने के बावजूद मजदूरों की उपस्थिति सहित उस अवधि का भुगतान करना सरकारी नियमों के अनुसार अस्वीकार्य है। चूंकि इस मामले में भुगतान किया जा चुका है इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पूरे मामले में धरमजयगढ़ मनरेगा शाखा से फोन पर मिली अधिकृत जानकारी के मुताबिक़ 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन मजदूरों से काम नहीं कराया जा सकता है। अधिकृत सोर्स ने कहा कि यदि राष्ट्रीय पर्व के दिन का भी मजदूरी भुगतान किया गया है तो यह मस्टर रोल पूरी तरह से फर्जी है।
राष्ट्रीय पर्व के दिन भरी मजदूरों की हाजिरी, भुगतान भी किया
अधिकारी ने मस्टर रोल को बताया फर्जी, नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
