खरसिया। अंचल के प्रसिद्ध गौसेवक राकेश केशरवानी ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर गाय को राज्यमाता का दर्जा शीघ्र दिया जाए। वहीं छत्तीसगढ़ शासन से गुजारिश की है कि प्रत्येक किसान के धान खरीदी पंजीकरण से पहले उन्हें गाय पालन की अनिवार्यता का नियम लागू करे, ताकि गौवंश का संरक्षण हो सके। गौसेवा के लिए संकल्पित राकेश केशरवानी के द्वारा नगर में गौसेवा संगठन नाम से एक ग्रुप तैयार किया गया है, जो गौसेवा के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में अग्रणी है। संगठन द्वारा प्रतिदिन गौवंश की नि:स्वार्थ सेवा और सुरक्षा की जाती है। कहीं से भी दुर्घटनाग्रस्त गौवंश की सूचना प्राप्त होते ही संगठन द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जाती है। वहीं अपाहिज हो चुके गौवंश को रेस्क्यू कर स्वयं के गौसेवा धाम में लाकर तब तक सेवा-जतन किया जाता है, जब तक वह पूर्ण रुप से स्वस्थ्य ना हो जाये। गोलोकवासी हो चुके गौवंश तथा अन्य जीव-जंतुओं का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया जाता है। गौधन शोभायात्रा, गौधन जागरूक यात्रा निकाली जाती है। गर्मी के दिनों में जगह-जगह जल सेवा के लिऐ कोटना रखवाये जाते हैं। वहीं बरसात के दिनों में सडक़ों पर डेरा जमाए गौवंश को सुरक्षा-कवच रेडियम बेल्ट पहनाया जाता है। गौसेवा संगठन के सभी सदस्य गौवंश की सुरक्षा के लिए 24/7 समर्पित रहती हैं। गौसेवा संगठन के द्वारा दानदाताओं की सहभागिता से अनेकों बार गौभंडारे का आयोजन किया जाता है। वहीं पितृपक्ष में भी पंचमी को और त्रयोदशी को महा गौ-भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें खीर-पूरी तथा सब्जियों से युक्त खिचड़ी नगर भर में घूम-घूम कर गौवंश को खिलाई गई। गौसेवक राकेश केशरवानी का मत है कि गौमाता को भोग लगाने से हमारे सभी पितरों को भोग लग जाता है।
छत्तीसगढ़ सरकार भी गाय को दे राज्यमाता का दर्जा : राकेश केशवानी

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lochan Gupta
