रायगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य के लोकसभा क्षेत्र रायगढ़, जो की छत्तीसगढ़ ही नहीँ, पूरे भारतवर्ष में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कल कारखानों, कोयले, युरेनियम एवं खनिज सम्पदा से संपन्न है। लोकसभा क्षेत्र रायगढ़, तीन अन्य राज्यों (बिहार, झारखंड एवं उड़ीसा) से घिरा हुआ है, इस क्षेत्र के अंतर्गत आज युवा पीढ़ी की संख्या सर्वाधिक है। जिनके सामने सबसे बड़ी समस्या ‘अच्छी शिक्षा और रोजगार’ की है। युवा पीढ़ी के लिए लोकसभा क्षेत्र रायगढ़ में कल कारखानों, कोयले, युरेनियम एवं खनिज सम्पदा से संबधित शोध कार्य/गहन अध्यन एवं अच्छी शिक्षा प्रदान करने / कराने के लिए कोई उत्कृष्ट केंद्रीय विश्वविद्यालय अथवा राष्ट्रीय स्तर के संस्थान नहीं है। युवाओ को ‘अच्छी शिक्षा और रोजगार’ के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से दुर या अन्य राज्यो में जाना पड़ता है जिसके कारण इन्हें आर्थिक व अन्य प्रकार के कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है। यद्यपि आज का युग राष्ट्रीय, अन्तराष्ट्रीय एवं अन्तरिक्ष विज्ञान स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का युग है किन्तु रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो की खनिज सम्पदा से संपन्न है। साथ ही रायगढ़ के रेल्वे मुख्य मार्ग से जुड़े होने के कारण एवं उक्त उल्लेखित सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में अच्छी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय / राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित करने हेतु यह पहल न केवल रायगढ़ लोकसभा अपितु समूचे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात होगी। इस क्षेत्र के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय / राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षा संस्थान की स्थापना से न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा साथ ही मेक इन इंडिया के तहत् ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ को विकास के लिए अवसर प्राप्त होंगे। तथा आदिवासी लोगों के बीच सरकारी तंत्र की पहुँच बढ़ेगी, पिछड़े हुए लोगों को रोजगार के अवसर, आवागमन की सुविधाओं के साथ सडक़ों का विकास तथा निकटतम क्षेत्रों का आर्थिक एवं सामाजिक विकास होगा। एवं अच्छी शिक्षा प्राप्त कर यहाँ के युवा रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त कर सकेंगे। जिससे लोकसभा क्षेत्र रायगढ़, छत्तीसगढ़ राज्य में ही नहीं अन्य राज्य में एक विशाल अद्भुत इतिहास बनाएंगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अमरकंटक (मध्यप्रदेश) में भी इसी बात को ध्यान में रखते हुए इंदिरा गांधी जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की है। वर्तमान में हमारे छत्तीसगढ़ राज्य में एक मात्र गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर (अपग्रेड 2009) स्थापित है।