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आज मौखिक स्वच्छता दिवस

स्वस्थ्य मसूड़े के लिए जरूरी है मेंटेन ओरल हाइजिन डॉ : नवाज

lochan Gupta
Last updated: July 31, 2024 11:21 pm
By lochan Gupta July 31, 2024
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5 Min Read

डॉ. एम एस नवाज ने जानकारी देते हुए बताया ओरल हाइजिन (मौखिक स्वच्छता) क्या होता है कैसे बनाए रखें क्यों महत्वपूर्ण है। मुंह और दांतो को को साफ व सेहतमंद रख कर रोगों को दूर रखना ओरल हाइजिन कहलाता है दांतों की सडऩ, मसूड़ों की बीमारियों और मौखिक कैंसर सहित अधिकांश मौखिक स्वास्थ्य स्थितियों को केवल मौखिक स्वच्छता बनाए रखने से रोका जा सकता है। शरीर में बैकेट्रिया के परवेश करने के लिए हमारा मुंह सबसे आसान जरिया है और ऐसे में इन्फेक्शन होने पर व अन्य अंगों के लिए घातक साबित हो सकता है उन्होंने ने बताया की हर साल, 1 अगस्त को भारत में मौखिक स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो कि इंडियन सोसाइटी ऑफ़ पीरियोडोंटोलॉजी के संस्थापक डॉ. जीबी शंकवलकर की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के महत्व और कई बीमारियों को रोकने के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाना है। मौखिक स्वास्थ्य हृदय रोग और मधुमेह सहित कई जटिल बीमारियों का कारण बन सकता है।
मसूड़ों का संक्रमण
जिसे पीरियोडोंटाइटिस कहा जाता है, मसूड़ों में दर्द सूजन और रक्तस्राव की समस्या होती है उचित ब्रशिंग की कमी के कारण दांतों की सतह पर मौजूद प्लाक कैल्सीफाइड हो जाता है, जिससे कैलकुलस नामक कठोर टार्टर बनता है। प्लाक और कैलकुलस दोनों ही मसूड़ों के ऊतकों और हड्डी को नष्ट कर देते हैं। इसके लिए अच्छी डेंटल हाइजीन एक उपाय है लेकिन यदि ये बड़ा रूप ले लेती है तो कभी-कभी सर्जरी भी आवश्यक होती है।
खराब मौखिक स्वच्छता से होने वाली समस्या
मधुमेह:पेरिओडोन्टाइटिस मधुमेह पर बहुत ही बुरा असर डालता है क्योंकि यह शरीर की इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता को कम कर देता है जिससे ब्लड शुगर स्तर बढ़ जाता है। • हृदय रोग- दैनिक मौखिक स्वच्छता दिनचर्या का पालन करने के बाद मुख्य में उपस्थित एवम मुख्य के द्वारा शरीर में परवेश करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या काफी कम हो जाती है।खराब मौखिक स्वच्छता कुछ हानिकारक बैक्टीरिया जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस और स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स के विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है, जो रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और संक्रामक एंडोकार्डिटिस का कारण बन सकते हैं। हृदय की मांसपेशियों या वाल्व (एंडोकार्डियम) की आंतरिक परत का संभावित रूप से घातक संक्रमण है। दांतों की सडऩ: दांतों की सडऩ सबसे आम दंत रोगों में से एक है। • गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं- पेरिओडोन्टाइटिस गर्भावस्था के दौरान होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है, जिसका यदि प्रबंधन न किया जाए तो समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन वाले शिशु का खतरा बढ़ सकता है।
नियमित मौखिक स्वच्छता
ब्रश करना : हर व्यक्ति को अपने दांतों को दिन में दो बार आवश्य ब्रश करनी चाहिए फ्लॉसिंग : फ्लॉस एक धागा होता है जिसका उपयोग (इंटरप्रॉक्सीमल) दो दांतो के बीच फसे भोजन के कणों और प्लाक को हटाने में मदद करती है। जीभ की सफाई: जीभ की सफाई पूरी तरह से साफ मुंह का एक अनिवार्य पहलू है। माउथवॉश : माउथवॉश के द्वारा मौखिक स्वच्छता काफी हद तक लाभदायक है। नियमित रूप से दांतों की जांच हर 6 महीने में एक बार दंत चिकित्सक के पास जाना आवश्यक है। • खाने में फल और सब्जियां का सेवन करें ये मिनरल्स मसूड़े की बीमारियों से बचाते है और मुंह के कैंसर का खतरा कम होता है। ब्रश को दांतो व मसूड़ों पर लगभग 45 डिग्री एंगल पर घुमा कर घुमावदार ऊपर नीचे करना चाहिए मसूड़ों और दांतो का नुकसान घटता है। अस्वस्थ आदतें छोडऩा: किसी को तंबाकू के सभी रूपों (धूम्रपान और धूम्रपान रहित) का उपयोग पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए और साथ ही सुपारी चबाने से बचना चाहिए चाहिए। सिगरेट पीने से लार की मात्रा कम हो सकती है और फेफड़ों के कैंसर के विकास का खतरा बढ़ सकता है जबकि तंबाकू और सुपारी चबाने से मुंह का कैंसर हो सकता है शराब का सेवन से भी बचना चाहिए।

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