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NavinKadam > बिलासपुर > रेलवे में 2014-24 के दौरान 5.2 लाख उम्मीदवारों की हुई भर्ती
बिलासपुर

रेलवे में 2014-24 के दौरान 5.2 लाख उम्मीदवारों की हुई भर्ती

कोविड-19 के चलते लगाए गए प्रतिबंधों में ढील के बाद कंप्यूटर आधारित टेस्ट के जरिए 1,30,581 उम्मीदवारों की गई भर्ती

lochan Gupta
Last updated: July 25, 2024 11:45 pm
By lochan Gupta July 25, 2024
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7 Min Read

बिलासपुर। भारतीय रेलवे के आकार, स्थानिक वितरण और संचालन की गंभीरता को देखते हुए इसमें रिक्तियां होना और उन्हें भरा जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। इसके नियमित संचालन, प्रौद्योगिकी में आते बदलाव, मशीनीकरण और इनोवेटिव पद्धतियों पर खरा उतरने के लिए समुचित और उपयुक्त कार्यबल प्रदान किया जाता है। रेलवे के ऑपरेशंस और तकनीकी जरूरतों के अनुसार ही उसके द्वारा भर्ती एजेंसियों के जरिए मांगपत्र जारी करके रिक्तियों को मूलत: भरा जाता है। कोविड-19 के कारण लगाए गए प्रतिबंधों में ढील के बाद 2.37 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों की प्रतिभागिता वाली दो प्रमुख परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं। 1.26 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) परीक्षा 28.12.2020 से 31.07.2021 तक 7 चरणों में, 68 दिनों में, 133 शिफ्टों में, 211 शहरों और 726 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसी तरह 1.1 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए सीबीटी 17.08.2022 से 11.10.2022 तक 5 चरणों में, 33 दिनों में, 99 शिफ्टों में, 191 शहरों और 551 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इन परीक्षाओं के आधार पर रेलवे में 1,30,581 उम्मीदवारों की भर्ती की गई है। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की परीक्षाएं काफी तकनीकी प्रकृति की होती हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर कर्मचारियों और संसाधनों को जुटाना और जनशक्ति को प्रशिक्षित करने का काम शामिल होता है। रेलवे ने इन सभी चुनौतियों को पार किया और सभी निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पारदर्शी तरीके से भर्ती सफलतापूर्वक आयोजित की। पूरी प्रक्रिया के दौरान पेपर लीक या इसी तरह की किसी भी गड़बड़ी की घटना नहीं हुई। भारतीय रेलवे में 2004-2014 के दौरान और 2014-2024 के दौरान की गई भर्तियों का ब्यौरा इस प्रकार है- अवधि -2004-14, भर्ती – 4.11 लाख, अवधि – 2014-24, भर्ती – 5.02 लाख इसके अलावा, व्यवस्था में सुधार होने पर रेल मंत्रालय ने इस साल ग्रुप ‘सी’ के विभिन्न श्रेणियों के पदों पर भर्ती के लिए वार्षिक कैलेंडर प्रकाशित करने की व्यवस्था शुरू की है। इसी क्रम में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में सहायक लोको पायलट, तकनीशियन, सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के पदों को भरने के लिए जनवरी से मार्च 2024 के दौरान 32,603 ??रिक्तियों के लिए चार केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचनाएं (सीईएन) अधिसूचित की गई हैं। इस वार्षिक कैलेंडर की शुरुआत से उम्मीदवारों को निम्नलिखित तरीके से लाभ होगा- उम्मीदवारों के लिए ज्यादा अवसर, हर साल पात्रता हासिल करने वालों को अवसर, परीक्षाओं की निश्चितता, भर्ती प्रक्रिया, प्रशिक्षण और नियुक्तियों में तेजी।
आराम की गुणवत्ता में सुधार
पिछले 10 वर्षों में रनिंग स्टाफ के आराम की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जो इस प्रकार हैं सभी 558 रनिंग रूम वातानुकूलित किए गए हैं। रनिंग स्टाफ को योग और ध्यान कक्ष, पढऩे के कमरे के साथ-साथ उनकी जरूरतों मुताबिक आराम करने के लिए समाचार पत्र और पत्रिकाएं भी प्रदान की जाती हैं। रनिंग रूम में अच्छी गुणवत्ता वाले रियायती भोजन की व्यवस्था। रनिंग रूम में आरओ वॉटर फिल्टर की उपलब्धता। महिला चालक दल के लिए अलग कमरा। लोको पायलटों को कैब में लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है और ट्रैक तथा सिग्नल पर लगातार नजऱ रखनी पड़ती है। कैमटेक रिपोर्ट के आधार पर, लोको पायलटों को उचित आराम देने के लिए रनिंग रूम में फुट मसाजर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
माहौल और सुरक्षा उपायों में सुधार
रेलवे अधिनियम, 1989 के अंतर्गत तैयार किए गए रेलवे कर्मचारी (काम के घंटे और आराम की अवधि) नियम, 2005 में रेलवे कर्मचारियों के वर्गीकरण से जुड़े प्रावधान और उनके ड्यूटी घंटों और आराम की अवधि के लिए प्रावधान किए गए हैं, जिनका पालन ड्यूटी रोस्टर तैयार करने में किया जाता है। ड्यूटी के घंटे, रात्रि ड्यूटी की संख्या, आउट-स्टेशन आराम की सुविधा, मुख्यालय में आराम की संख्या और घंटों को अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है और उनकी बारीकी से निगरानी की जाती है। लोको रनिंग क्रू के कार्य माहौल में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं और ट्रेन संचालन की सुरक्षा में सुधार के लिए पहलें की गई हैं, जो इस प्रकार हैं-
इंजनों में किया गया सुधार
लोको रनिंग स्टाफ की कठिन ड्यूटी के मद्देनजऱ कई कदम उठाए गए हैं और उन्हें क्रियान्वित किया गया है, जो इस प्रकार हैं- पिछले 10 वर्षों में तीन चरण वाले लोको का उत्पादन बढ़ा है, जिसमें बेहतर सीटें, लोको और सहायक लोको पायलट के बेहतर आराम के लिए ड्राइवर डेस्क जैसी एर्गोनोमिक क्रू फ्रेंडली डिज़ाइन सुविधाएं शामिल हैं। यानी 2014 से अब तक 7,286 तीन चरण वाले लोको का निर्माण किया गया है, जबकि 2014 से पहले 719 का निर्माण किया गया था। 2017-18 से बनाए गए सभी नए लोको में वातानुकूलित कैब प्रदान की गई हैं। अब तक 7,000 से ज्यादा लोको में एयर कंडीशनर प्रदान किए जा चुके हैं। बनाए जा रहे सभी नए लोको में ड्राइविंग के दौरान सतर्कता खोने की स्थिति में लोको पायलटों की निगरानी और चेतावनी देने के लिए तकनीकी सहायता के रूप में सतर्कता नियंत्रण उपकरण (वीसीडी) प्रदान किए जाते हैं। 2014 से 12,000 से ज्यादा (10,521 इलेक्ट्रिक+ 1,873 डीजल) लोको में वीसीडी प्रदान की गई है। लोको पायलटों को आने वाले सिग्नलों, महत्वपूर्ण स्थलों के नाम और दूरियां दिखाने और उनकी घोषणा करने के लिए तकनीकी सहायता के रूप में एक पोर्टेबल जीपीएस आधारित फॉग सेफ डिवाइस (एफएसडी) प्रदान किया जा रहा है। 2014 से, भारतीय रेल में 21,742 एफएसडी प्रदान किए गए हैं। सहायता के रूप में और लोको पायलटों पर तनाव को कम करने के लिए कोहरे के मौसम में स्टॉप सिग्नल की आसान पहचान के लिए सभी जोनल रेलवे पर स्टॉप सिग्नल से पहले दो मस्तूलों पर सिग्मा आकार में रेट्रो-रिफ्लेक्टिव पट्टी प्रदान की गई है।

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