रायगढ़। बीती रात एक हाथी बंगुरसिया अस्पताल पहुंच गया था दो हाथी धान मंडी में आ गए थे, जिसकी जानकारी लगते ही ग्रामीणों में दहशत की स्थिति बन गई थी, लेकिन इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद उसे जंगल की ओर खदेड़ा गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से रायगढ़ वन मंडल के बंगुरसिया क्षेत्र के जंगल में 15 से 20 हाथी विचरण कर रहे हैं। जो लगभग हर दिन चारा-पानी की तलाश में आसपास के गांव पहुंच जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। वहीं जुनवानी गांव में एक दंतैल हाथी ने फसलों को नुकसान करने के साथ-साथ कुछ मकानों को ढहाते हुए धान और चावल को चट करने का मामला सामने आया था। इसके बाद शुक्रवार रात बंगुरसिया गांव में उस समय अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई जब रात 8 बजे के करीब जंगल से निकलकर एक हाथी बंगुरसिया गांव के अस्पताल जा पहुंचा। अस्पताल परिसर में हाथी आने जानकारी मिलते ही ग्रामीण घरों से निकल कर उस पर नजर रखते हुए इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई, जिससे टीम मौके पर पहुंच कर लोगों को हाथी से दूरी बनाये की नशीहत देते हुए उसे भगाने का जुगत में लग गए। ऐसे में घंटों मशक्कत के बाद हाथी को वापस जंगल में भगाया गया। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में हाथी आने से अब खतरा बढ़ गया है। जिससे शाम होते ही लोग घरों में दुबकने को मजबूर होने लगे हैं। साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसी तरह हाथी गांव में घुसते रहा तो कभी भी अनहोनी हो सकता है।
दो हाथी धान मंडी में मिले
इस संबंध में स्थानीय लोगों की मानें तो वन विभाग की टीम इधर अस्पताल परिसर में आए एक हाथी को भगाने में लगा था तभी सूचना मिली कि बंगुरसिया धान मंडी में भी दो हाथी विचरण कर रहे हैं। जिससे अस्पताल परिसर से हाथी को भगाने के बाद टीम धान मंडी पहुंची और इन दो हाथियों को भगाने का प्रयास करने लगे। ऐसे में करीब दो घंटा तक मशक्कत करने के बाद जंगल की ओर भगाया गया, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं बताया जा रहा है कि वर्तमान में पडिगांव बीट में 14 हाथी विचरण कर रहे हैं, संभवत यह हाथी उसी दल से भटककर यहां पहुंचे होंगे।
वन विभाग कर रहा निगरानी
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो हाथी स्थिर नहीं रहता, ऐसे में दिन में कहां है और रात में कहां पहुंच जाएगा, कुछ बोल नहीं सकते। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है। हालंाकि पिछले दिनों जुनवानी गांव में जो नर हाथी आया था यह उससे बिल्कुल अलग प्रतीत हो रहा है। बंगुरसिया अस्पताल परिसर में जो हाथी पहुंचा है उसका व्यवहार बिल्कुल अलग है। विभाग द्वारा हाथी के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है और हाथी प्रभावित गांव के लोगों को अलर्ट भी किया जा रहा है, ताकि कोई अनहोनी न हो सके।
मंडी में धान खाने तो अस्पताल में उपचार कराने पहुंचा गजराज
मामला बंगुरसिया का, लगातार हाथियों की धमक से ग्रामीणों में दहशत
