रायगढ़। जिले में लघु वनोपज शाखा को 500 क्विंटल जामुन खरीदने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन 100 क्विंटल खरीदी भी नहीं की जा सकी है। इसका कारण बताया जा रहा है कि व्यापारी ज्यादा दर पर जामुन की खरीदी कर रहे थे। शासन की ओर से जो रेट निर्धारित है वह 2,223 रुपए क्विंटल था। ग्रामीणों को यह रेट कम लगा। ऐसे में शुरू से ही ग्रामीण व्यापारियों के पास सीधे जामुन की बिक्री कर रहे थे।
खरीदी का लक्ष्य रहा अधूरा
बताया जा रहा है कि जामुन की खरीदी कर इसे रायपुर के जामगांव प्रोसेसिंग सेंटर में सुरक्षित रखवाया गया है। ताकि आगामी दिनों इनका जूस और अन्य तरीके से उत्पाद तैयार कर मार्ट, संजीवनी और हर्बल केंद्र के माध्यम से बिक्री की जा सके। लेकन रायगढ़ जिले को दिया गया खरीदी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।
व्यापारी हो जाते हैं सक्रिय
जैसे ही जामुन या अन्य वनोपज का सीजन आता है व्यापारी सक्रिय हो जाते हैं। ग्रामीण जब इसे संपर्क करते हैं। शासन के निर्धारित दर से ज्यादा में इनसे खरीदी कर ली जाती है। बताया जा रहा है कि व्यापारी 50 से 40 रुपए किलो में ग्रामीणों से जामुन खरीदी कर रहे थे।
यहां से आती है जामुन
रायगढ़ वन मंडल में जामुन सभी जगह नहीं पाया जाता, लेकिन खरसिया और घरघोड़ा रेंज में इसकी पैदावार है। ऐसे में खरसिया के केवाली, जोबी, बर्रा, खम्हार, खडग़ांव से जामुन खरीदी की गई। वहीं घरघोड़ा रेंज में इस बार ज्यादा जामुन नहीं हुई।
मौसम का विपरित असर पड़ा
इस संबंध में रायगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ के उप प्रबंध संचालक आरके सिसोदिया ने बताया कि मौसम का विपरित असर होने के कारण जामुन का इस बार ज्यादा उत्पादन नहीं था। इसके अलावा व्यापारी भी ज्यादा रेट में जामुन ले रहे थे। शासन से 500 क्विंटल का लक्ष्य मिला था 90 से 92 क्विंटल खरीदी हो सकी।
रायगढ़ में जामुन खरीदी के लक्ष्य से पिछड़ी वनोपज शाखा
500 क्विंटल का टारगेट था, 100 क्विंटल भी नहीं खरीद सके
