सारंगढ़। बिलाईगढ़ जपं में भ्रष्टाचार की लिखी जा रही कहानी। जहा खुलेआम पंचायत के विकास कार्यों में जमकर धांधली चल रही है, मानो जपं से खुला संरक्षण मिला हो। विगत वर्षो में बिलाईगढ़ बलौदाबाजार जिला का हिस्सा था तो बिलाईगढ़ जिला मुख्यालय से काफी दूर था जिससे उच्चाधिकारियों की पकड़ या प्रशासनिक कसावट से दूर था। जिसकी वजह से विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार होता था जो परपंरा आज भी नही बदली है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ मिल कर नया जिला बना व जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 25 से 40 किलोमीटर ही है लेकिन प्रशासनिक कसावट अब भी नजर नही आ रहे है।जिसकी वजह से लाखों के विकास कार्यों में गुणवत्ता विहीन व निम्न स्तर के काम को अंजाम देकर विकास के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहें है।
तकनीकी सहायक के संरक्षण में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार
जपं बिलाईगढ़ के अंतर्गत आने वाले ग्रापं सेहरजोर घरजरा में लाखों रूपये का चेक डेम बनाया जा रहा है, जिसमे जमकर भ्रष्टचार को अंजाम दिया जा रहा है। ग्राम पंचायत घरजरा के आश्रित ग्राम मंडलपुर के गौठान के पास लगभग 10 लाख रूपये का चेक डेम मनरेगा के तहत बनाया जा रहा जिसमे जंगली पत्थर खूब भरा जा रहा जब कि – नियम कहता है की कांक्रीट के द्वारा गुणवत्ता को ध्यान में रखकर बनाने का प्रावधान है। मापदंड व नियम को दरकिनार कर ग्रापं घटिया काम को अंजाम दे रहे है और इसका सबसे बड़ा संरक्षण देने वाला तकनीकी सहायक है। जिनको शासन से साफ निर्देश है की मनरेगा में हो रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और मापदंड को ध्यान में रख कर काम करना है, उसके लिए लगातार उन्हे कार्यस्थल का भी मुआयना करने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन या तो तकनीकी सहायक अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्यों में लापरवाही बरत रहा है। मजे की बात कार्यस्थल जो कभी देखने तक नही गए होंगे और अगर कार्यस्थल पर पहुंच रहे है तो निर्माण कार्यों का जायजा ना लिया होगा। साफ जाहिर है की तकनीक सहायक के ही संरक्षण में चेक डेम में जंगली पत्थर भरा जा रहा होगा। शासन के पैसों का खुला दुरुपयोग किया जा रहा और अधिकारी मौन साधे बैठे है।
सीईओ बिलाईगढ़ के कार्यशैली पर उठ रहे?
इस संबंध में जब बिलाईगढ़ जपं सीईओ प्रधान को जानकारी दिया गया तो साहब कहते है पत्थर डाल सकते है स्टेमिट में होगा तो इसे देखना पड़ेगा जबकि- सीईओ साहब अच्छी तरह से नियम जानते है उसके बाद भी स्टिमेंट जैसे बातो में उलझाकर गुणवत्ता विहीन कार्यों से अपनी आंखे मूंद रहें है, इस तरह की घटिया निर्माण की जानकारी अधिकारी को होने पर भी किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया जाना जनपद सीईओ की भी कार्य शैली पर सवाल खड़े होते है। अगर एक अधिकारी संज्ञान नही लेगा तो भ्रष्टाचार किस हद तक बढ़ सकता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है? ऐसे कार्यों पर सिर्फ ग्रापं सरपंच सचिव या रोजगार सहायक पर ही कार्यवाही नहीं होनी चाहिए बल्कि उनसे पहले तकनीकी सहायक, सीईओ जिनको जानकारी देने के बाद भी कोई संज्ञान नहीं लियें ऐसे अधिकारी पर पहले कार्यवाही होनी चाहिए?
जिला नोडल अधिकारी हरिशंकर चौहान ने दिया जांच का आश्वासन
तकनीकी सहायक फोन उठाना मुनाफिस नही समझे उसके बाद जनपद सीईओ बिलाईगढ़ को जानकारी दिया गया जब उनके द्वारा भी किसी प्रकार का संज्ञान नही लिया गया तो जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के नोडल अधिकारी हरिशंकर चौहान को ग्राम घरजरा में चेकडेम की वस्तु स्थिति की जानकारी दी गयी जिसमें चौहान जी तत्काल संज्ञान लेते हुए एसडीओ को निर्देश किया और जांच कर उसे तोडऩे का निर्देश देते हुए उचित कार्य वाही का आश्वासन दियें और कहा कि किसी भी पंचायत में भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
घरजरा चेकडेम निर्माण गुणवत्ताहीन, नोडल अधिकारी चौहान ने लिया संज्ञान
