गुड़ेली (हेमेन्द्र जायसवाल)। सक्ती और सारंगढ़ जिले को जोडऩे वाला नगर पंचायत चंद्रपुर में थाना प्रभारी और एसडीएम की मनमानी से व्यापारी वर्ग परेशान नजर आ रहे हैं। बड़े-बड़े शहरों में भी ऐसे रोड बनते होंगे उसमें नो एंट्री नहीं लगाया जाता, लेकिन ठेकेदार की पुर-पहुंच से और अधिकारियों पर लक्ष्मी जी की कृपा से यहां व्यापारी वर्ग परेशान नजर आ रहे हैं। हालांकि सुबह 6:00 बजे से रात के 8:00 तक नो एंट्री लगा दिया गया है और रात को ही खोला जाता है। यहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है कलेक्टर साहब का तो सख्त निर्देश है कि सुबह 6:00 बजे से रात के 8:00 तक नो एंट्री लगाना, लेकिन चंद रुपयों के खातिर वहां ड्यूटी में तैनात सिपाही कहें या उनके मुखिया नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। रात के 9:00 बजे नो एंट्री खुल जाता है और दोनों तरफ से नो एंट्री लगा दिया गया है जबकि बड़े-बड़े शहरों में भी रोड बनाया जाता है जिसमें नो एंट्री नहीं लगाया जाता, लेकिन यहां तो अवैध वसूली करने के लिए ही नो एंट्री लगाया गया है, ऐसे लोग बाग में चर्चा बना हुआ है। उस रोड में चलने वाले टेलर, डंपर या लाइन गाडिय़ों को 30 किलोमीटर ज्यादा घूम कर जाना पड़ रहा है, जिससे ट्रांसपोर्टों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लोग बाग के तो पास किश्ती भरने के लिए भी पैसा नहीं बच रहा है, भाड़ा भी कम और दूरी ज्यादा जिससे सारंगढ़ जिले में लगे हुए ग्राम पंचायत गुड़ेली और टीमरलगा से गाडिय़ां लोड होकर जाती है उनको भारी नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को व्यापारी वर्ग के लोगों पर भी ध्यान देना चाहिए, लेकिन यहां तो सिर्फ लक्ष्मी जी की चढ़ावा ही अधिकारियों को दिख रही है और अधिकारी अपने मनमानी तरीके से अपने ऊपर लक्ष्मी जी बरसा रहे हैं।
जब मर्जी लगे तब नो एंट्री और जब मर्जी लगे तो रोड चालू
वहीं एसडीएम और पुलिस की मिली भगत से जब चाहे तब नो एंट्री और जब चाहे तब रोड चालू हो जा रहा है, ऐसा तो सक्ती जिला के चंद्रपुर नगर पंचायत का कारनामा है। यहां नगर पंचायत सीएमओ की भी मनमौजी थमने का नाम नहीं ले रहा है और सभी तरफ से व्यापारी वर्ग को परेशान किया जा रहा है। लोग बाग में यह भी चर्चा है कि भाजपा शासन आने के बाद चंद्रपुर क्षेत्र के व्यापारी वर्ग परेशान नजर आ रहे हैं और लोगों का कहना है कि इसका खामियाजा तो लोकसभा चुनाव में नेताओं को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि 2 किलोमीटर से कम की रोड बनाने में नो एंट्री लगा दिया जा रहा है। नो एंट्री लगने से व्यापारियों का व्यापार ठप नजर आ रहा है, क्योंकि दिन में गाडिय़ां आ नहीं सकती और ना तो इधर से जा नहीं सकती इससे गाड़ी मालिकों को भारी नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है और जिन मालिकों का एसडीएम या फिर थाना प्रभारी से सेटिंग है उनकी गाडिय़ां दिन में ही भी चल रही है उसको रोकने वाला कोई नहीं है।
थाना प्रभारी से करो सेटिंग और नो एंट्री में भी चलाओ गाड़ी
वही प्राप्त जानकारी के अनुसार चंद्रपुर के कुछ नगरसेटों की गाड़ी थाना प्रभारी की सेटिंग से नो एंट्री में भी बेरोकटोक चल रहे हैं। यूं कहें कि थाना प्रभारी पर लक्ष्मी जी बरसाओ और नो एंट्री में गाड़ी बेरोकटोक ले जाओ ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, लेकिन लोगों के जुबान पर और हर दुकान और गली-मोहल्ले पर चर्चा आम हो गया है। अगर नियम है तो सभी के लिए रहना चाहिए या तो गाडिय़ां चले तो सभी का चले नहीं तो एक भी का नहीं चलना चाहिए, लेकिन यहां कुछ गाड़ी मालिकों का डायरेक्ट थाना प्रभारी के सेटिंग से उनकी गाडिय़ां बेरोकटोक चल रही है, चाहे उधर से फ्लाई ऐश लोड हो या फिर इधर से गिट्टी लोड हो नो एंट्री में भी घुस जा रही है। उन पर नजर ना थाना प्रभारी की है और ना ही उनके स्टाफ की, जब चाहे जितने बजे चाहे मनमौजी से गाडिय़ां पार हो रही है और यह थाना प्रभारी को भी नजर नहीं आ रहा है।
मंत्री ओपी के पास भी गए व्यापारी वर्ग लेकिन उनकी भी बात को नहीं सुन रहे हैं अधिकारी
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब चंद्रपुर की 2 किलोमीटर से कम सडक़ बन रही है और कलेक्टर द्वारा नो एंट्री लगा दिया गया, तब गुड़ेली और टीमरलगा के व्यापारी वर्ग मंत्री ओपी चौधरी से भी मिलने गए और उनसे मिलने का समय तय किया गया। मंत्री ओपी चौधरी अपने फोन से कलेक्टर को निर्देश भी दिए, लेकिन उनकी बातों पर कोई असर नहीं हो रहा जो 24 घंटा नो एंट्री लगाया गया था वह सिर्फ 12 घंटा कर दिया गया। अगर ठेकेदार चाहे तो एक तरफ से रोड बनता जाए और एक तरफ से गाडिय़ां भी चलती रहे तो भी कोई खास नुकसान किसी को नहीं होगा, लेकिन यहां तो ना अधिकारी किसी का सुन रहा है और ना कोई कर्मचारी सब अपने जेब भरने में लगे हुए हैं। आखिर में व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
नो एंट्री में एंट्री पटाओ और गाड़ी लेकर जाओ धन्य है चंद्रपुर पुलिस
वही प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह 6:00 बजे से रात के 8:00 तक नो एंट्री लगाया गया है, लेकिन यहां तो एंट्री पटाओ और दिन में भी गाड़ी लेकर जाओ ऐसा निर्देश है टीआई साहब का। वह ! क्या कहना चंद्रपुर थाने का, क्योंकि यहां के धन्नो सेठों की गाडिय़ां बेरोक-टोक चल रही है ड्राइवर द्वारा एंट्री दिया जा रहा है और दिन में ही गाड़ी पर हो रही है। ऐसा तो कारनामा वहां बैठे सिपाही या उनके थानेदार का है। ऐसे में चंद्रपुर में आए थानेदार अगर रोड को नहीं छोड़ रहे हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या-क्या करते होंगे, लेकिन खैर जो भी हो शासन प्रशासन को व्यापारियों पर भी ध्यान देना चाहिए और रोड एक तरफ से बनना बने और दूसरे तरफ गाडिय़ां चले, देखते हैं अब आगे क्या होता है।
रोड बन रहा है ठेकेदार और डाल रहा है मिट्टी और डस्ट
2 किलोमीटर से कम की रास्ता को बनाने का जिम्मा ठेकेदार को मिला हुआ है और यहां ठेकेदार की मनमौजी थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसा लग रहा है मिट्टी और डस्ट को डालने से कुछ ही दिनों में रास्ता फिर से उखड़ जाएगा, क्योंकि उस रास्ते में चलने से पता चल रहा है कि वहां तो डब्ल्यू एम एम में एक भी ना तो 10 एमएम की मात्रा है और ना ही 40 एमएम की मात्रा है सिर्फ डस्ट और मिट्टी को बढ़ा दिया जा रहा है जो आने वाला दिनों में यह रास्ता उखड़ सकता है और कोई भी नियम कायदे से काम नहीं किया जा रहा है।
ठेकेदार और इंजीनियर हो रहे हैं मालामाल और व्यापारी वर्ग परेशान
वही देखा जाए तो ठेकेदार की मनमौजी थमने का नाम नहीं ले रहा है या कहें कि इंजीनियर साहब की देखने की शक्ति चली गई है शायद उनकी आंखों का इलाज करना पड़ेगा, ऐसा लोग बाग कह रहे हैं, क्योंकि 2 किलोमीटर से कम रास्ता में जो पदार्थ गिराया जा रहा है उसमें ना तो 10 एमएम लग रहा है और ना ही कहीं पर 40 एमएम की मात्रा दिख रही है सिर्फ डस्ट को डालकर रोड बनाया जा रहा है और इधर नो एंट्री लगवा कर व्यापारी वर्ग को परेशान किया जा रहा है। वैसे तो व्यापारियों का सीजन और दो से तीन माह गाडिय़ां चलेंगी उस पर भी सडक़ बनाने के लिए नो एंट्री लगा दिया गया है, जिससे गाडिय़ों को 30 किमी ज्यादा घुमा कर ले जाना पड़ रहा है और इसको देखा जाए तो आने जाने में कुल 60 किलोमीटर गाड़ी ज्यादा चल रही है और भाड़ा वही का वही है। इससे व्यापारी वर्ग को भारी नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है और इधर ठेकेदार और इंजीनियर मस्त है, डस्ट डालो और पैसा कमाओ। लगता है ठेकेदार कोई पुर-पहुंच वाला है इसीलिए अपनी नेतागिरी की दम पर चंद्रपुर को डस्ट में काम कर दे रहा है और रोड को गलत तरीके से बनाया जा रहा है।
जब चाहे तब चंद्रपुर में नो एंट्री और जब साहब का मर्जी हो तब नहीं लगता नो एंट्री
चंद्रपुर थाना प्रभारी के रहम-करम से नो एंट्री में भी दौड़ रही हैं गाडिय़ां, नो एंट्री लगने से व्यापारी वर्ग परेशान और अधिकारी हो रहे हैं मालामाल
