रायगढ़। जिला अस्पताल में दिन-ब-दिन सुविधाओं को टोटा होते जा रहा है, जिसके चलते यहां उपचार कराने आने वाले मरीजों को समस्या तो हो ही रही है, साथ ही उनके साथ परिजन भी परेशान हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी इन समस्याओं को दूर करने विभाग की ओर से कोई पहल नहीं होने से मरीजों में आक्रोश पनपने लगा है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिले के सबसे बड़े किरोड़ीमल चिकित्सालय नाम बड़े और दर्शन छोटे के तर्ज पर संचालित हो रहा है। जिसके चलते यहां उपचार कराने आने वाले मरीजों को न तो सही इलाज की सुविधा मिल रही है और न ही सुविधाएं मुहैया हो रही है। जिसके चलते दिनों-दिन मरीजों की संख्या में गिरावट आने लगी है। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों की मानें तो जिला अस्पताल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तर्ज पर सुविधाएं मिलने लगी है। यहां न तो मेल मरीजों के लिए पर्याप्त वार्ड की व्यवस्था है और न ही सुविधाएं है, इस अस्पताल में छह बेड के साथ मेल वार्ड संचालित हो रहा है, लेकिन इस छह बेड के वार्ड में भी सुविधाएं नहीं है। अब तो विगत सप्ताहभर ऐसी स्थिति बन गई है कि इस छह बेड के वार्ड में भर्ती होने वाले मरीज शौचालय का उपयोग करने के लिए खुद बाल्टी से पानी भरकर ला रहे हैं, तब शौचालय का उपयोग कर पा रहे हैं। ऐसे में अब स्थिति ऐसी बन गई है कि इन शौचालयों की साफ-सफाई नहीं होने के कारण वहां भर्ती होने वाले मरीज वार्ड में कम वार्ड के बाहर रहकर समय काट रहे हैं। साथ ही इनके साथ परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मेल वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि एक तो छह बेड का वार्ड में उसमें भी विगत सप्ताहभर से शौचालय में पानी नहीं आ रहा है, जिसके चलते बाहर से पानी लाकर उपयोग कर रहे हैं। साथ ही पानी नहीं आने के कारण शौचालय का सफाई भी नहीं हो रहा है। जिससे स्मैल के कारण अब इस वार्ड में रहना मुश्किल हो गया है, लेकिन मजबूरीवश जैसे-तैसे करके उपचार करा रहे हैं, साथ ही कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
गौरतलब हो कि गर्मी शुरू होने के बाद किसी को पेट दर्द तो किसी को अन्य समस्या होने के कारण हर दिन गंभीर हालत में मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां मेल वार्ड में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण सामान्य मरीजों को टीबी वार्ड में भर्ती कर उपचार कर रहे हैं। ऐसे में मरीज व परिजनों को टीबी जैसी गंभीर बीमारी होने का भय सताने लगा है। साथ ही मरीज के परिजनों का कहना है कि टीबी एक फैलने वाला बीमारी है, इसके बाद भी इनके साथ रहकर उपचार कराने को मजबूर किया जा रहा है।
टीबी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होते ही एक खुराक दवा खिला दिया जाता है, जिससे फैलने की खतरा कम हो जाता है। जिससे भर्ती होने वाले मरीजों में टीबी का भय नहीं रहता है। कल अस्पताल पहुंच कर सभी समस्या को निदान कराता हूं।
डा. बीके चंदवंशी, सीएचएमओ, रायगढ़
क्या कहते हैं मरीज
इस संबंध में वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि इस वार्ड में शौचालय का स्मैल आने के कारण स्वाथ्यकर्मी भी आने से कतरा रहे हैं, ऐसे में दूसरे वार्ड में जाकर इंजेक्शन लगवाना पड़ता है। वहीं कई बार भर्ती मरीजों को जांच कराने के लिए ओपीडी में जाना पड़ रहा है, जिससे काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी अधिकारी व्यवस्था सुधारने कोई पहल नहीं कर रहे हैं।
अज्ञात चोरों ने घर से 96 हजार रुपए किए पार
रायगढ़। दो दिन पहले नींद में गाफिल ग्रामीण के घर अज्ञात चोरों ने धावा बोलते हुए आलमारी में रखे नगदी रुपए को पार कर दिया है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार खरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम कुधरीपारा-बोतल्दा निवासी समारीन उरांव पति तिहारू राम उरांव (43 वर्ष) थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह खेती किसानी का कार्य करती है। पुर्व में उसने रमेश राठिया ग्राम जामझोर एवं दिलधर पटैल ग्राम खोरसीपाली का ज्वेलरी में खेत को रखी थी। जिसमें खेती बाड़ी करते आ रही थी। इस वर्ष 20 मार्च को रमेश राठिया व दिलधर पटैल ने खेत को मुक्त करा लिया। जिसके एवज में 80-80 हजार रूपये दिये थे। जिससे महिला ने घर के कामों में कुछ रूपये खर्च करने के बाद 96 हजार 250 रूपये को अपने आलमारी में रखी थी। इस दौरान विगत 28 मार्च की रात आलमारी को बगैर लाक किए ही खाना खाकर सो गई, साथ ही आलमारी के अंदर ही चाभी को भी रख दी थी। इसी बीच 29 मार्च की सुबह करीब 04 बजे उठ कर देखी तो आलमारी खुला था। आलमारी के अंदर रखे लेडिस पर्स को खोलकर देखी तो पर्स में 96 हजार 250 रूपये गायब मिला। ऐसे में अचानक रुपए गायब होने से उसके पांव तले जमीन खिसक गई, जिससे उसे अभास हुआ कि कोई अज्ञात चोर घर अंदर रात में प्रवेश कर रूपये को चोरी कर ले गया है। ऐसे में महिला ने तत्काल खरसिया थाना पहुंच कर मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिससे पुलिस ने अज्ञात चोर के खिलाफ धारा 380, 457 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जिला अस्पताल में छह बेड के साथ संचालित हो रहा मेल वार्ड
टीबी वार्ड में सामान्य मरीजों को भर्ती कर किया जा रहा उपचार, परिजनों को सता रहा गंभीर बीमारी का भय
