रायपुर। छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए प्रमुख वादे मोदी की गारंटी पर अमल करने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को फेडरेशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा। फेडरेशन के घटक संगठनों के पदाधिकारियों ने राज्यव्यापी रैली-प्रदर्शन किया। इंद्रावती भवन में प्रदेश संयोजक कमल वर्मा और विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामसागर कौशले के नेतृत्व में रैली निकाली गई।
रायपुर कलेक्टर कार्यालय में प्रांतीय प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। दुर्ग संभाग में प्रदेश सचिव राजेश चटर्जी,बिलासपुर संभाग में जी.आर.चंद्रा प्रदेश प्रवक्ता,सरगुजा संभाग में ओंकार सिंह प्रदेश अध्यक्ष शिक्षक संघ,बस्तर संभाग में कैलाश चौहान संभाग प्रभारी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया।
जब-जब अन्याय होगा, तब-तब फेडरेशन का आंदोलन होगा
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा,सचिव राजेश चटर्जी, प्रवक्ता जी आर चंद्रा और चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि फेडरेशन का एक ही सूत्र है- अन्याय के विरुद्ध संघर्ष। कर्मचारियों के साथ जब-जब अन्याय होगा, तब-तब फेडरेशन का आंदोलन होगा।
केन्द्र के समान महंगाई भत्ता और महंगाई राहत
उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कर्मचारियों के लिए प्रमुख वादे मोदी की गारंटी में घोषणा की गई थी कि सरकार बनने पर शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दिया जाएगा। लंबित डी ए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जी पी एफ खाते में समयोजित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष २०२३-२४ के अनुपूरक बजट में १३४८७ करोड़ ४ लाख ९१ हजार २०७ रुपयों का प्रावधान किया गया था। राज्य का कर्मचारी ९ फरवरी २४ को वित्त मंत्री के बजट भाषण को टकटकी लगाए बड़े उम्मीद से सुन रहा था। लेकिन बजट भाषण के पिटारा में से कर्मचारियों के लिए कुछ भी नहीं निकला। कर्मचारियों के हिस्से में केवल निराशा मिला।
उन्होंने बताया कि सातवें वेतनमान का अंतिम किस्त का भुगतान लंबित है, जबकि सातवां वेतनमान १ जनवरी २०१६ से लागू किया गया था। कर्मचारियों के मांगों पर गठित पिंगुआ कमेटी का रिपोर्ट सार्वजनिक हो,फेडरेशन का मुद्दा है। फेडरेशन ४ मुद्दों पर सरकार का ध्यानाकर्षण कर रहा है। मुद्दों पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो फेडरेशन अगले चरण में राज्यव्यापी प्रभावी हड़ताल-आंदोलन करने बाध्य होगा।
बस्तर से सरगुजा तक कर्मचारियों का हल्ला बोल
३३ जिले में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, मोदी की गारंटी पर अमल करने की मांग
