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Reading: शिक्षा को बढ़ावा देकर समाज को आगे बढ़ाया जा सकता है : सीएम साय
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NavinKadam > जशपुरनगर > शिक्षा को बढ़ावा देकर समाज को आगे बढ़ाया जा सकता है : सीएम साय
जशपुरनगर

शिक्षा को बढ़ावा देकर समाज को आगे बढ़ाया जा सकता है : सीएम साय

lochan Gupta
Last updated: February 12, 2024 12:07 am
By lochan Gupta February 12, 2024
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15 Min Read

जशपुरनगर। कांसाबेल के ग्राम मुडाटोली में अखिल भारतीय कंवर समाज अंचल स्तरीय वार्षिक सम्मेलन सह मिलन समारोह 2024 अंतर्गत कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा ही किसी समाज का मूलमंत्र है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में विकास के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा सिर्फ नौकरी तक ही सीमित नहीं है,बेहतर जीवनयापन के साथ राजनीति, व्यापार के क्षेत्र में जाने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण साधन है। आज सरकार द्वारा शिक्षा उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी अभिभावकों का दायित्व है कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं में बढ़ते नशा के प्रकोप को रोकने और युवाओं को सही दिशा में ले जाने की अपील की।
ग्राम मुड़ाटोली में आयोजित कंवर समाज के सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आपके कँवर समाज के और आदिवासी समाज पर भरोसा जताते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है। यह समाज के लोगों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि समाज का आशीर्वाद उन पर बना रहे। मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि इस तरह के सम्मेलन के माध्यम से समाज कैसे मजबूत हो इस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी सरकार बने दो माह ही हुए हैं। इस दौरान 18 लाख से अधिक लोगों के पीएम आवास की स्वीकृति, 2014-15 और 2015-16 का धान का बकाया बोनस किसानों के खाते में अंतरित किया गया। उन्होंने इस साल धान की बम्फर खरीदी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना से अगले माह से विवाहित महिलाओं के खाते में पैसा आना शुरू हो जाएगा। आप सभी पात्र महिलाएं अपना आवेदन जरूर भरे। मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभ पहुचाने के लिए प्रति मानक बोरा में वृद्धि करते हुए 5500 रुपये करने और संग्राहकों को बोनस,चरणपादुका का वितरण, परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति सहित अन्य लाभ देने की बात कही। उन्होंने बताया कि भूमिहीन मजदूरों को साल में 10 हजार की सहयोग राशि भी देने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती है। अयोध्या में भगवान श्री रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नि:शुल्क में रामलला का दर्शन कराने की बात भी उन्होंने कही। कार्यक्रम में पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि समाज का यह सम्मेलन साल में एक बार अवश्य किया जाना चाहिए ताकि समाज के नई पीढ़ी को समाज की संस्कृति से जोड़ते हुए समाज के विकास को और आगे बढ़ाया जा सकें। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय, समाज के अध्यक्ष भरत साय, आर पी साय, अशोक साय, सालिक साय, आर एन साय,शिवशंकर साय समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।

अमर शहीद गुंडाधुर की स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री साय ने किया नमन

जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भूमकाल स्मृति दिवस पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को नमन किया है। उन्होंने शहीद गुंडाधुर के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया स मुख्यमंत्री श्री साय ने आज कहा है कि आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का आगाज करने वाले नायक गुंडाधुर का बलिदान इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों आदिवासियों के प्रेरणास्त्रोत गुंडाधुर ने बस्तर को अंग्रेजों के हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए अपना बलिदान दे दिया स इसलिए आज भी उन्हें बस्तर में देवता की तरह पूजा जाता है स. हर साल 10 फरवरी को भूमकाल दिवस के मौके पर उन्हें याद किया जाता है और श्रद्धांजलि दी जाती है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े गुंडाधुर ने अंग्रेजों को इस कदर परेशान किया था कि कुछ समय के लिए अंग्रेजों को गुफाओं में छिपना पड़ा था. अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाला ये क्रांतिकारी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। इतिहास के पन्नों में दर्ज शहीद गुंडाधुर का व्यक्तित्व और कृतित्व आज भी लोगों में मन में जिंदा है। शहीद गुंडाधुर को विद्रोहियों का सर्वमान्य नेता माना जाता है. शहीद गुंडाधुर सामान्य आदिवासी थे, जिन्होंने न तो कभी पाठशाला का मुंह देखा था और न ही बाहरी दुनिया में कदम रखा था। 35 साल की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ ऐसी लडाई छेड़ी कि कुछ समय तक अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बगिया मे किया सीएम कैम्प कार्यालय का उदघाटन

जशपुरनगर। राजधानी रायपुर मे बैठ कर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, जशपुर वासियों की समस्या और मांग को सुन कर, समाधान करेंगे. रविवार को जिले के कांसाबेल ब्लाक के बगिया स्थित सीएम निवास मे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने सीएम कैम्प कार्यालय का उद्घाटन किया. इस कार्यालय मे आमजन, वीडियो काँफ्रेस और दूरभाष (टेलीफोन) के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सीधे सम्पर्क कर अपनी समस्या और मांगो से उन्हें अवगत करा सकेंगे। कार्यालय के उदघाटन के दौरान सरगुजा संभाग के कमीशनर जीआर चुरेंद्र, जन सम्पर्क विभाग के आयुक्त मयंक श्रीवास्तव, आईजी अंकित गर्ग, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल, एसपी शशि मोहन सिंह उपस्थित थे। शुभारम्भ के अवसर पर सीएम साय ने कहा कि जशपुर सहित पुरे प्रदेश की जनता अपनी मांग, समस्या और विचारों को मुझ तक सीधे पहुंचा सके और जनता के विचार के अनुरूप प्रदेश का विकास हो सके, इसी उद्देश्य से बगिया मे सीएम कैम्प शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछड़े और जरूरतमंदो को विकास की मुख्य धारा से जोडऩा और प्रशासन मे उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना ही भाजपा सरकार का उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे सीएम कैम्प मे अलग स्टॉफ की व्यवस्था की जाएगी। ताकि लोगो की समस्यो को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके।
सुकान्ति बाई से की बात
सीएम कैम्प के उदघाटन के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के डीकेएस अस्पताल मे उपचाररत सुकान्ति बाई से टेलीफोन के माध्यम मे बात कर, हालचाल पूछा. सुकान्ति से इलाज की व्यवस्था करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए बताया की उसके पैरों का आपरेशन हो चूका है और डॉक्टर इन दिनों अस्पताल मे ही उसकी देखभाल कर रहे है। डॉक्टरो ने आश्वास्त किया है कि जल्द ही वह अपने पैरों पर चल सकेगी. मुख्यमंत्री साय ने सुकांति को जल्द स्वस्थ्य हो कर घर वापस आने की शुभकामनायें दी. उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले के कुनकुरी तहसील के गोरिया गाँव की निवासी सुकान्ति बाई, वर्ष 2019 मे घर मे खाना पकाने के दौरान आग मे झूलस कर घायल हो गई थी. स्थानीय अस्पताल मे इलाज के बाद उसकी जान तो बच गई, लेकिन पैरो के बेकार हो जाने से चलने फिरने से लाचार हो गईं थी। चिकित्स्कों ने उसे बड़े अस्पताल मे इलाज कराने की सलाह दी थी। इस पर सुकांति ने सीएम निवास से सहायता मांगी थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर सुकान्ति को एम्बुलेंस से रायपुर के डीके एस अस्पताल मे भर्ती कराया गया है.यहाँ बीते दिनों डॉक्टरो ने उसके पैर का सफल आपरेशन किया है।
अब तक 75 मरीजों को मिली सहायता
विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री के रूप मे शपथ लेने के बाद, सीएम निवास बगिया मे बीमार मरीज और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े 75 जरूरतमंदो को तत्काल सहायता उपलब्ध कराया गया है।

माता-पिता की सेवा से बढक़र कुछ नहीं, उन्हें खुश रखें तो जीवन सफल होगा : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम कंडोरा में आयोजित मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा से बढक़र कुछ भी नहीं है, इसलिए हम सभी को प्रतिदिन अपने माता-पिता का चरण छूकर आशीर्वाद लेना और उन्हें प्रणाम करना चाहिए। उन्हें खुश रखेंगे, तो जीवन सफल होगा। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप मनाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आयोजकों को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित करने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके गुरु ने कहा था कि माता-पिता भगवान से बड़े होते हैं। माता जन्म देती है। गर्भ में 9 माह तक रखने के बाद पालन-पोषण करती है। यदि माता-पिता खुश नहीं हैं, तो सभी पूजा-पाठ सभी व्यर्थ है। वेदों में भी माता-पिता का स्थान सर्वोच्च है। मुख्यमंत्री ने धार्मिक कथाओं का उदाहरण देते हुए माता-पिता के महत्व को रेखांकित किया और सभी बेटे-बेटियों को अपने माता-पिता को खुश रखते हुए उनसे आशीर्वाद लेने और उनका आदर और सम्मान करने की अपील की। कार्यक्रम को राजीव रंजन नन्दे और वनवासी आश्रम के योगेश बापट ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने माता-पिता का महत्व बताते हुए उनका आशीर्वाद लेने और पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहकर अपने माता पिता की सेवा करने और उनका नाम रोशन करने की बात कही। इस दौरान पद्मश्री जागेश्वर यादव, श्री राम प्रताप सिंह, संभाग आयुक्त जी.आर. चुरेंद्र, जनसंपर्क आयुक्त मयंक श्रीवास्तव, आई.जी. अंकित गर्ग, कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह आदि उपस्थित थे।

समाज के लोगों को रोजगार मिलने से समाज मजबूत होगा

जशपुरनगर। श्रीमती पूनम, सुदक्षिणा, कुसुम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुदूर जंगलों में कंवर जाति के निवास होने से तथा विशिष्ट जीवन शैली होने के कारण कई जातियों के नाम से भी जाना जाता है। कंवर समाज के लोग सहज, सरल, प्राकृतिक सहजीवन व्यतीत करने वाले होते हैं। कंवर समाज की लोग अपने पुत्र, भाई, चाचा को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पाकर भाव विभोर हो रहे हैं स कंवर समाज के महिलाओं ने कहा कि य़ह कंवर समाज का गौरव है, मुख्यमन्त्री हमारे ही बीच से हैं, उनके मार्गदर्शन में शिक्षा का विकास करना है ताकि कंवर समाज लोगों को आगे बढऩे का अवसर मिले स. युवाओ को नशा से दूर रखना है स. शिक्षा के अलावा कृषि की उन्नति और विकास करने से समाज के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। जिससे समाज मजबूत होगा। महिलाओं ने कहा कि कंवर समाज प्रकृति की गोद में रहने वाली जनजाति है। उत्तर छत्तीसगढ़ में इनकी संख्या सर्वाधिक है। सरगुजा संभाग के सभी छह जिलों के साथ बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर के साथ कंवर समाज की छत्तीसगढ़ में है। छत्तीसगढ़ अंचल वन बहुल क्षेत्र है तथा इसमें यहां के मूल निवासी जनजाति लोग हैं कंवर समाज के लोग प्रकृति की गोद में सरल जीवन व्यतीत करते हैं। इनकी अपनी जीवन शैली, भाषा, संस्कृति तथा परम्पराएँ हैं। इस जनजाति लोगों की खास विशेषता है- इनका सामूहिक जीवन, सामूहिक उत्तरदायित्व और भावात्मक संबंध है। सामूहिक जीवन की चेतना तथा परस्पर के प्रति रक्षात्मक जुडाव ये दोनों बातें इतनी एकाकर हो गई है कि ये लोग अकेले जीवन या परिवार की सोच नहीं सकते हैं। यही कारण है कि वे परस्पर नि:स्वार्थ व स्वभाविक रूप से मदद करते हैं। इस जाति की अर्थव्यवस्था उन्नत समाज की अर्थव्यवस्था से अलग होती है। इनकी आवश्यकताएं सीमित होती है। ये अपनी सीमित आवश्यकताओं के लिए प्रकृति पर निर्भर रहते हैं। ये जाति कृषि, वनोपज संग्रह तथा मजदूरी करके जीवन-यापन करती है। इनकी काफी बडी संख्या वन क्षेत्रों में निवास करती है। सरकारी नितियों व प्रयासों के कारण इस जाति की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

जब मुख्यमंत्री साय ने मांदर की थाप में किया कर्मा नृत्य

जशपुरनगर। मांदर की थाप, आकर्षक वेशभूषा और आदिवासी लोक नृर्तकों की लयबद्धता भला किसको आकर्षित नहीं करेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी अपने आप को नहीं रोक सके और अपने गृहग्राम बगिया में कर्मा दलों के आग्रह पर सपत्निक शामिल होकर नृत्य किया। एक मंझे लोक कलाकार की तरह नृत्य करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय को देखकर जनमानस को सुखद अनुभूति हो रही थी कि उनमें आदिवासी संस्कृति के प्रति वहीं आदर भाव और सम्मान है। जशपुर अंचल सहित पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मा नृत्य सुप्रसिद्ध है। यह आदिवासी समाज का प्रमुख नृत्य है। भादो मास की एकादशी को उपवास के पश्चात् करमवृक्ष की शाखा को घर के आंगन या चौगान में रोपित किया जाता है। दूसरे दिन कुल देवता को नवान्न समर्पित करने के बाद ही उसका उपभोग शुरू होता है। कर्मा नृत्य नई फ़सल आने की खुशी में किया जाता है।

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