रायगढ़। शहर में बढ़ती आबादी के साथ व्यापार का तेजी से विस्तार हो रहा है। नए व्यावसायिक प्रतिष्ठान तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, छोटे दुकानों को बड़ा स्वरूप दिया जा रहा है। जिससे शहर के मुख्य बाजार सहित अलग-अलग क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या खड़ी होती जा रही है। शहर में दोपहिया वाहनों के साथ चार पहिया वाहनों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जिससे बाजार में अब वाहनों की पार्किंग की बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। शहर के रामनिवास टॉकीज चौक से लेकर सुभाष चौक, गांधी प्रतिमा रोड, स्टेशन रोड, पुराना श्याम टॉकीज रोड, गुरुद्वारा रोड, गद्दी चौक से हटरी चौक होते हुए हण्डी चौक तक ट्रैफिक का दबाव बढऩे से जाम की स्थिति बन जाती है। खास बात यह है कि शहर के भीतर बाजार क्षेत्र में दुकानों का विस्तार तो किया जा रहा है लेकिन पार्किंग के लिए ज्यादातर लोग जगह भी नहीं छोड़ते जिसका असर सीधे तौर पर सडक़ पर वाहनों के सुगम अवागमन पर पड़ रहा है। दुकानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने पार्किंग के लिए जगह नहीं होने पर ज्यादातर लोग दोपहिया वाहन और कदाचित चार पहिया वाहन की पार्किंग सडक़ पर करने में गुरेज नहीं करते। जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। हालांकि निगम प्रशासन की ओर से चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए कुछ स्थल अलग से चिन्हित किए गए हैं, लेकिन दो पहिया वाहन तो दुकान के सामने सडक़ पर खड़े करने की मजबूरी लोगों के सामने बनी हुई है।
दरअसल रायगढ़ शहर में बढ़ती आबादी के साथ तेजी से व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ती जा रही है। जिससे बाजार के दुकानों में खरीदारी करने वाले लोगों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। खास बात यह है कि पहले की तुलना में लोगों के पास दो पहिया वाहनों के अलावा चार पहिया वाहनों की संख्या भी बढ़ी है। जाहिर है इस स्थिति में लोग दो पहिया अथवा चार पहिया वाहन से बाजार आना पसंद करते हैं। जिसका खामियाजा ट्रैफिक पर पड़ता है। बताया जाता है कि लोग किसी दुकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में खरीदारी करने जाते हैं तो उसी दुकान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान के सामने वाहन खड़ा कर देते हैं। जिससे शहर के मुख्य मार्गों के किनारे ज्यादातर स्थानों पर दोनों तरफ दो पहिया के साथ चार पहिया वाहनों की कतार लग जाती है। इसका असर यह होता है कि संकरी हो चुकी शहर की सडक़ों की हालत और छोटी हो जाती है और सडक़ पर आवागमन के लिए दिक्कत खड़ी होती है। कई बार तो ऐसी स्थिति बन जाती है की दुकान के सामने जगह नहीं होने पर लोगों को बिना खरीदारी के लौटना पड़ता है। खास बात यह है कि ज्यादातर दुकानदार अपनी दुकानों के सामने बाहर की खाली जगह पर सामानों की नुमाइश लगाते हैं, जिससे सडक़ पर वाहन पार्किंग करने की मजबूरी बन जाती है। इस तरह की स्थिति शहर के गोपी टॉकीज रोड, रामनिवास ताकि रोड, पुराना शनि मंदिर, संजय कंपलेक्स रोड, रवि शंकर मार्केट, गौरी शंकर मंदिर रोड, पुत्री शाला रोड, पैलेस रोड, गद्दी चौक रोड, हटरी चौक रोड, कोतवाली रोड, लाल टंकी केवड़ा बाड़ी रोड, स्टेशन रोड, सिविल लाइन रोड, जगतपुर रोड, कार्मल स्कूल रोड के अलावा जूटमिल कबीर चौक रोड, कोतरा रोड ऐसे व्यस्ततम मार्ग हैं जहां सडक़ पर दो पहिया के अलावा चार पहिया वाहनों की पार्किंग आमतौर पर देखी जा सकती है। इसकी प्रमुख वजह यह बताई जाती है कि ज्यादातर दुकानदार अपनी दुकान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान के सामने पार्किंग के लिए जगह नहीं छोड़ते जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। बताया जाता है कि वाहनों की पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के कारण ट्रैफिक का दबाव सडक़ पर वाहनों की आवागमन पर पड़ता है। जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति अब शहर में आम होती जा रही है।
निगम की दुकानों में भी पार्किंग व्यवस्था नहीं
शहर में निजी दुकानों के सामने जहां पार्किंग के लिए जगह सुनिश्चित नहीं की जाती। वहीं नगर निगम के ज्यादातर काम्प्लेक्स में पार्किंग की सुविधा नहीं है। खास बात यह है कि ज्यादातर निगम के पुराने जितने भी काम्प्लेक्स बनाए गए हैं उनमें दुकान के सामने गैलरी का निर्माण किया गया था। जिसे आम लोगों के लिए चलने फिरने के तौर पर इस्तेमाल के लिए निगम द्वारा व्यवस्था की गई थी। परंतु निगम के ऐसे कई काम्प्लेक्स की गैलरी पर दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। जिसमें केवड़ाबाड़ी शॉपिंग कंपलेक्स, संजय कंपलेक्स की दुकानें, मिनी स्टेडियम की दुकानें हो या नगर निगम के अन्य काम्प्लेक्स की दुकान हो सब पर दुकान दार कब्जा कर दुकानों का संचालन कर रहे हैं। इसके अलावा कई निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं जो बड़ी इमारत तो बना लिए हैं, लेकिन पार्किंग स्थल उपलब्ध नहीं है। जिससे सडक़ पर वाहनों की पार्किंग की जा रही है।
ट्रैफिक अमला की नसीहत का भी असर नहीं!
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए ट्रैफिक अमला अनवरत रूप से शहर के भीतर निगरानी रखती है, लेकिन ज्यादातर वाहन चालक सडक़ पर ही वाहन खड़े करने में गुरेज नहीं करते। ज्यादातर चार पहिया वाहन चालकों की इस बेपरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। ट्रैफिक अमला दुकानों के सामने सामान बिखरा कर नहीं रखने की नसीहत भी देता है, लेकिन दुकानदार इसे अनसुना कर देते हैं। जिसका दुष्प्रभाव यह होता है की दुकान आने वाले खरीददार सडक़ पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं और अचानक ट्रैफिक का दबाव बढऩे पर जाम की स्थिति निर्मित होती है।
संजय काम्प्लेक्स में भी आवागमन की दिक्कत
शहर के भीतर व्यवस्थित आवागमन के लिए व्यस्ततम मार्गों पर कब्जा हटाने की कार्रवाई पर निगम प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। बताया जाता है कि संजय काम्प्लेक्स के भीतर निगम की दुकानों का जिस तरह से विस्तार किया गया है। उससे संजय काम्प्लेक्स की हालत आवागमन की दृष्टि से बेहद बद्तर होती जा रही है। रेडीमेड कपड़ा दुकान, मनिहारी दुकानों के अलावा अन्य दुकानों के सामने सामान रखे होने से लोगों को दो पहिया वाहनों के साथ संजय काम्प्लेक्स के भीतर प्रवेश कर पाना मुश्किल होता है। दुकानों के बाहर वाहनों की कतार लगी रहती है, लोगों को पैदल चल पाना भी मुश्किल होता है। इसके बावजूद कार्रवाई के नाम पर सामने की दो-चार दुकानों का सामान हटाकर निगम अमला लौट जाता है। त्योहारों के अवसर पर खरीददारी करने वालों की भीड़ बढऩे पर प्रशासन पर यही दुकानदार कार्रवाई नहीं करने का आरोप मढ़ते नजर आते हैं।
सडक़ किनारे नालियों पर कब्जा का असर
शहर के भीतर दोपहिया वाहनों की पार्किंग नहीं होने का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। खास बात यह है कि निगम प्रशासन दुकान निर्माण के दौरान ऐसी व्यवस्था नहीं कर पा रहा है, जिससे शहर के भीतर की ज्यादातर सडक़ों की स्थिति संकरी बनती जा रही है। यहां तक की सडक़ किनारे नाली पर भी कब्जा कर दुकान लगाये जा रहे हैं, लेकिन निगम प्रशासन सडक़ पर से भी कब्जा हटाने की कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। जिससे आम शहरी लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पार्किंग की समस्या से सडक़ों पर यातायात का दबाव
दुकानों के सामने नहीं पार्किंग स्थल, दुपहिया वाहनों के पार्किंग की बड़ी समस्या, दुकानों के बाहर लगाई जाती है सामानों की नुमाइश
