रायगढ़। मेडिकल कालेज अस्पताल में तैनात स्थानीय सुरक्षाकर्मियों के बीच हो रहे भेदभाव को लेकर कर्मचारियों में असंतोष पनपने लगा है। क्योंकि प्लेसमेंट कंपनी द्वारा स्थानीय गार्डों को कम वेतन दिया जाता है, तो वहीं दिगर प्रांत से आकर नौकरी करने वाले गार्डों को वेतन तो ज्यादा दे ही रहे हैं, साथ ही उनको रहने और खाने की भी सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि शासन के नियमानुसार शासकीय विभागों में ड्यूटी करने वाले गार्डों को कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाता है, लेकिन प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा इनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। जिससे स्थानीय कर्मचारियों को मात्र आठ हजार रुपए तथा दिगर प्रांत से आकर नौकरी करने वालों को रहने, खाने के साथ 10 हजार रुपए महिना दिया जा रहा है।
जिसको लेकर कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है। हालांकि प्रदेश में स्थानीयता को लेकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा तरह-तरह के दावे भी किए जा रहे हैं, लेकिन ये दावे सिर्फ घोषणाओं में रहकर सिमट जा रही है। वहीं जानकारों की मानें तो यहां मेडिकल कालेज अस्पताल, जिला अस्पताल व एमसीएच में एक ही प्लेसमेंट कंपनी के गार्ड नौकरी करते हैं, जिससे इनकी संख्या दिन-रात मिलाकर करीब 110 है, जिसमें ज्यादातर दिगर प्रांत के कर्मचारी है।
साथ ही प्लेसमेंट कंपनी के संचालक द्वारा मेडिकल कालेज अस्पताल में बने बर्न यूनिट खाली होने के कारण इसको गार्डों के लिए हास्टल बना दिया गया है, जिसमें दिगर प्रांत के गार्ड रहते हैं। साथ ही इनके द्वारा यहां शराब खोरी भी किया जाता है, जिससे उपचार कराने आने वाले मरीज के परिजन भी खुद को असहज महसूस करते हैं। वहीं इस बात को लेकर कई बार शिकायत भी हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी प्लेसमेंट कंपनी द्वारा खाली नहीं कराया जा रहा है। इस संबंध में अस्पताल के सूत्रों की मानें तो मेडिकल कालेज अस्पताल में रात के समय ड्यूटी करने वाले गार्ड ज्यादा नशे में होते हैं, जिससे हमेशा विवाद की भी स्थिति बनती है, वहीं पूर्व में कई बार मारपीट की शिकायत थाने तक भी पहुंच चुकी है, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था में कुछ बेहतर बदलाव होता नजर नहीं आया है।
स्वास्थ्य कर्मी भी है परेशान
जानकारी के अनुसार दिगर प्रांत से आकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले व स्थानीय युवाओं में किसी न किसी बात को लेकर हमेशा विवाद की स्थिति बनती है, साथ ही कई बार किसी न किसी बात को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों से भी विवाद हो जाता है। जिसकी शिकायत भी लगातार होती रहती है।
मेकाहारा, जिला अस्पताल व एमसीएच में कुल 110 गार्ड काम करते हैं, जिससे सभी को प्रतिमाह आठ हजार रुपए वेतन दिया जाता है। जहां तक अस्पताल में रहने की बात है तो अब सभी को खाली करा दिया गया है।
प्रकाश बंसल, सिक्यूरिटी गार्ड इंचार्ज
मेकहारा में सुरक्षाकर्मियों के बीच वेतन को लेकर भेदभाव
प्लेसमेंट कंपनी के मनमानी रवैये से पनप रहा आक्रोश, स्थानीय सुरक्षाकर्मियों को नहीं हो रहा कलेक्टर दर पर भुगतान
