रायपुर। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को रायपुर सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने शून्यकाल में कहा कि नॉन-ट्रेसेबल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण पुलिस प्रक्रियाओं को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाना बेहद जरूरी है। यह मांग उन्होंने देश भर के लाखों परिवारों से जुड़े संवेदनशील मसलों को ध्यान में रखते हुए रखी। सांसद अग्रवाल ने कहा कि किसी परिवार में अप्राकृतिक मृत्यु होने पर परिजन पहले ही गहरे सदमे में होते हैं। ऐसे समय में रिपोर्ट पाने के लिए उन्हें बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगवाना बिल्कुल अमानवीय है। कई बार उन्हें भ्रष्टाचार, देरी और उत्पीडऩ का सामना करना पड़ता है। यही स्थिति चोरी के मामलों में भी होती है, जहां नॉन-ट्रेसेबल सर्टिफिकेट न मिलने से इंश्योरेंस क्लेम महीनों अटके रहते हैं। उन्होंने सदन में कहा- जब तकनीक उपलब्ध है, तो पीडि़तों पर मानवीय पीड़ा और बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं।
एनएचआरसी की कार्रवाई पर भी बोले
सांसद बृजमोहन ने एनएचआरसी की उस एक्शन का भी उल्लेख किया, जिसमें रिश्वतखोरी की शिकायतों पर कर्नाटक के शीर्ष अधिकारियों मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी करना पड़ा था। ऐसे मेें सुधार अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य हैं।
मोबाइल पर मिले रिपोर्ट
सांसद ने चर्चा के दौरान गृह मंत्रालय को एक ठोस समाधान भी सुझाया। प्रस्ताव के अनुसार, सभी नॉन-ट्रेसेबल, पोस्टमॉर्टम और पुलिस रिपोर्टों को सीसीटीएनएस सिस्टम से जोडक़र उनकी ऑटो-डिलीवरी सीधे पीडि़तों के मोबाइल पर उपलब्ध कराई जाए। पूरी प्रक्रिया समयबद्ध, ट्रैकिंग योग्य और पारदर्शी हो, ताकि आम नागरिकों का जीवन सरल हो और पुलिस व्यवस्था पर उनका भरोसा मजबूत बने।
संसद में एमपी बृजमोहन ने उठाया, नॉन-ट्रेसेबल और पोस्टमॉर्टम मुद्दा
पुलिस प्रक्रियाओं को डिजिटल करने की मांग



