जशपुरनगर। जिले में फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन को स्व सहायता समूह मेंबर्स, किसानों, एकेडेमिया और सरकारी एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से नई रफ़्तार मिली है। ज़मीनी स्तर पर चल रही इन कोशिशों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सही ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और मार्केट लिंकज उपलब्ध हो, तो स्थानीय स्तर पर बने उत्पाद भी बड़े बाज़ारों तक पहुँच सकते हैं। सभी स्टेकहोल्डर्स ने इन प्रयासों को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जशपुर के उत्पाद व्यापक उपभोक्ता आधार तक पहुँच सकें।
खेती और बागवानी की वैल्यू चेन को मज़बूत करने और ग्रामीण आय बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में निफ्टम कुंडली (हरियाणा) का ग्राम अंगीकारम कार्यक्रम 19 से 27 नवंबर 2025 तक जशपुर जिले के नौ दिवसीय दौरे पर है। इस दौरान निफ्टम टीम ने जिले के कलेक्टर रोहित व्यास और जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक कुमार से मुलाकात कर योजना की गई गतिविधियों की रूपरेखा साझा की।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आयोजित किया जा रहा है, जिसे जिला प्रशासन जशपुर का समर्थन प्राप्त है और जिसका संचालन जय जंगल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह केंद्र पहले से ही महुआ, मिलेट्स और वनोपज आधारित नवाचारों का एक मजबूत हब बनकर उभर रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत स्व सहायता समूह, एसपीओएस और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए मोटे अनाज और स्थानीय कच्चे माल पर आधारित वैल्यू-एडेड उत्पादों पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सेशन शुरू किए गए हैं। कार्यक्रम के तीसरे दिन, कांसाबेल, कुनकुरी और पत्थलगांव क्षेत्रों की समूह की 20 महिलाएं और एफपीओएस के 5 पुरुषों ने सक्रिय रूप से व्यावहारिक प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। ट्रेनिंग के दौरान प्रतिभागियों को सूजी से बना पास्ता, बाजरा कपकेक और डोनट्स बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही उन्हें पैकेजिंग, लेबलिंग, रेगुलेटरी कंप्लायंस, सेंसरी इवैल्यूएशन, कास्टिंग और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विस्तार से जानकारी दी गई, ताकि वे अपने उत्पादों को व्यावसायिक रूप में विकसित कर सकें।
सूजी पास्ता की ट्रेनिंग विशेष रूप से जय जंगल एफपीसी की समूह की सदस्यों द्वारा कराई गई, जिसमें गणपति और प्रभा प्रशिक्षण का नेतृत्व कर रही थीं। समूह की सदस्यों ने बताया कि यही सूजी आधारित पास्ता अब जशपप्योर पास्ता के नाम से जशपुर के लोकल रिटेल शॉप्स में अच्छी मात्रा में बिक रहा है और अपनी एक अलग पहचान भी बना रहा है। यह पास्ता आमतौर पर मिलने वाले मैदा-आधारित पास्ता की तुलना में एक अधिक हेल्दी और पौष्टिक विकल्प है। यह उदाहरण दर्शाता है कि जशपुर में दी जा रही ट्रेनिंग अब वास्तविक बाज़ार और आय के स्रोत में बदल रही है।
इसी प्रकार बाजरा कपकेक और डोनट्स की विशेष ट्रेनिंग निफ्टम कुंडली की तकनीकी टीम द्वारा कराई गई, जिसमें महिला एसएचजी सदस्यों और एसपीओ से जुड़े युवाओं को मिलेट-बेस्ड बेक्ड प्रोडक्ट्स की वैज्ञानिक विधि, इंग्रेडिएंट बैलेंस, टेक्सचर डेवलपमेंट और शेल्फ-लाइफ स्टेबिलिटी का गहन व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान तैयार किए गए बाजरा कपकेक और डोनट्स की लागत गणना, पैकेजिंग फॉर्मेट और उपभोक्ता अपील पर भी चर्चा की गई। निफ्टम टीम के अनुसार इस प्रकार के मिलेट-आधारित उत्पाद वर्तमान में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और भविष्य में एसएचजी सदस्यों के लिए एक नया, स्थायी आजीविका स्रोत बन सकते हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि जिले में फूड इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को लेकर एक सकारात्मक और उत्साहजनक माहौल बन रहा है। आयोजकों ने विश्वास जताया कि ऐसी पहलें लोकल प्रोड्यूस को मार्केट-रेडी प्रोडक्ट में बदलने, नए रोजगार अवसर सृजित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।
निफ्टम कुंडली का व्हीएपी डायरेक्टर डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय के मार्गदर्शन में, फूड टेक्नोलॉजी इनोवेशन को जमीनी स्तर के ग्रामीण विकास से जोडऩे की एक महत्वपूर्ण फ्लैगशिप पहल है। यह कार्यक्रम देशभर के गांवों में वैल्यू एडिशन, उद्यमिता और सस्टेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देकर किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त करने का कार्य कर रहा है। वर्तमान में जशपुर में मौजूद निफ्टम टीम का नेतृत्व प्रो. प्रसन्ना कुमार जी. वी और अभिमन्यु गौड़ कर रहे हैं। इस पहल को स्थानीय स्तर पर एनआरएलएम जशपुर के मिशन मैनेजर विजय शरण प्रसाद तथा जय जंगल एफपीसी के डायरेक्टर समर्थ जैन का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है। यह पूरी पहल जशपुर को फूड प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और स्थानीय ब्रांडिंग के क्षेत्र में एक मॉडल डिस्ट्रिक्ट के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत और निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।
जशपुर बना फूड इनोवेशन का नया मॉडल, निफ्टम पहल से गांवों में बढ़ी प्रोसेसिंग की ताकत
महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में समूह की महिलाओं को मिली ट्रेनिंग



