रायगढ़। अचल संपत्ति के बाजार मूल्यांकन से जुड़ी बहुप्रतीक्षित गाइडलाइन दरों में इस वर्ष बड़ा बदलाव किया गया है। बुधवार को रायपुर में केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में सभी जिलों की नई दरों को औपचारिक मंजूरी दे दी गई। रायगढ़ जिले के लिए भी गाइडलाइन रेट वृद्धि के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक 20 नवंबर से पूरे जिले में नई दरें लागू हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार रायगढ़ में इस बार लगभग 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह है कि अब दरें वार्ड आधारित नहीं, बल्कि सडक़ आधारित तय की गई हैं। कई वर्षों से जमीनों और संपत्तियों की बाजार कीमतें निरंतर बढ़ रही थीं, लेकिन सरकारी गाइडलाइन दरें वर्षों तक स्थिर रहीं। पूर्व सरकार द्वारा 2017 से पहले की दरों में 30 प्रतिशत की कमी कर देने से राजस्व पर बड़ा असर पड़ा था। परिणाम स्वरूप पंजीयन से मिलने वाला राजस्व घटा और अचल संपत्ति बाजार में काला धन बढऩे की शिकायतें मिलीं।
शहर में वास्तविक कीमतों को आधार
रायगढ़ शहर में एक ही सडक़ से लगे दो वार्डों में जमीनों की दरें अलग-अलग होने से बड़ी विसंगति बनी हुई थी। यही वजह रही कि नई गाइडलाइन में ‘मुख्य मार्ग’ को पहली बार स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया।
प्रशासन ने पहले शहर की प्रमुख सडक़ों और उन इलाकों को चिह्नित किया, जहां वास्तविक बाजार कीमतें अधिक हैं। फिर उन क्षेत्रों की पुरानी गाइडलाइन दरों में सबसे अधिक दर को आधार मानकर उसमें लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। नई दरें फिलहाल सॉफ्टवेयर में अपलोड कराई जा चुकी हैं और विभागीय स्तर पर इन्हें आज से लागू करने के निर्देश जारी हो गए हैं। पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक ने सभी कलेक्टरों व संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए वर्ष 2025-26 की दरों के अनुमोदन की जानकारी भी दे दी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी नई वर्गीकरण प्रणाली
ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार पूरी तरह अलग फार्मूला अपनाया गया है। अब तक एक ही राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे गांवों की दरें भी अलग-अलग थीं, जबकि दुर्गम वन क्षेत्रों के गांवों को भी अलग पैमानों पर तौला जा रहा था।
रायगढ़ में संपत्ति गाइडलाइन दरें 20 प्रतिशत बढ़ी
सडक़ आधारित होगा मूल्यांकन, 20 नवंबर से नई दरें लागू



