रायगढ़। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत रायगढ़ नगर निगम द्वारा संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट में लगातार गंभीर कमियां और अनियमितताएं सामने आ रही हैं। यह योजना जहां शहर के जरूरतमंद लोगों के लिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा साबित हो सकती थी, वहीं संचालन कर रही निजी कंपनी की लापरवाही ने इसकी विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
बायो-मेडिकल वेस्ट का एनओसी तक नहीं कानूनी मानकों का सीधा उल्लंघन
जिले में संचालित सभी एमएमयू यूनिट्स के पास छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का अनिवार्य एनओसी नहीं है। बिना एनओसी संचालित एमएमयू यूनिट्स जहां पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन कर रही हैं, वहीं मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है।
अनुबंध की बड़ी शर्तें अधूरी सामग्री गायब, मशीनें खराब, रिपोर्ट में देरी
जांच में सामने आया है कि एमएमयू यूनिट्स में अनुबंध में निर्धारित मेडिकल सामग्री उपलब्ध नहीं, बार बार टीपीए द्वारा ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख होता है। अनुबंध के अनुसार जो सामग्री नही है उसकी जानकारी निगम को दी जा रही है।
स्पेशल खून जांच की रिपोर्ट समय पर नहीं,
कई बार रिपोर्ट 3-5 दिन या उससे ज्यादा देर से मिलती है,
उपकरणों में बार-बार खराबी, देखी गई है और जगह-जगह केवल कामचला इलाज। मशीनों का कैलिब्रेशन नहीं जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता संदिग्ध एक और गंभीर कमी उजागर हुई है जहाँ मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपयोग में आने वाली मशीनों का समय पर कैलिब्रेशन ही नहीं किया जाता। उपकरणों का समय समय पर कैलिब्रेशन न होने से महत्वपूर्ण जांचों की रिपोर्ट गलत या असटीक मिलने की आशंका रहती है। इससे मरीजों को गलत उपचार का खतरा भी बढ़ जाता है।
इसी तरह एमएमयू यूनिट्स में रोजाना सैकड़ों मरीजों की जांच और उपचार होता है। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार यूनिट में नियमित फ्यूमिगेशन डिसइन्फेक्शन अनिवार्य होता है, ताकि वाहनों में संक्रमण न फैले, मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा बनी रहे। लेकिन जांच में यह चैंकाने वाला तथ्य आया कि वाहनों का फ्यूमिगेशन नियमित तौर पर नहीं किया जाता। यह सीधे-सीधे संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
कमिश्नर के निर्देश बेअसर, कंपनी केवल लाभ कमाने में व्यस्त
रायगढ़ नगर निगम कमिश्नर द्वारा कई बार चेतावनी, सुधार निर्देश, संचालन की समीक्षाके बावजूद बव्या हेल्थ सर्विसेज प्रा. लि. कंपनी के काम में कोई ठोस सुधार नहीं दिखा।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि कंपनी अनुबंध के मानकों को पूरा करने के बजाय केवल ‘काम चलाओ’ तरीके से सेवा चलाकर लाभ कमाने में जुटी है। जिसके कारण जनता की नाराजगी देखी जा रही है और योजना प्रभावहीन होने की कगार पर है।
रायगढ़ की मोबाइल मेडिकल यूनिट सेवाओं में लगातार हो रही लापरवाहियां एक बड़े सिस्टम फेलियर की ओर इशारा करती हैं। अब जनता की निगाहें इस बात पर हैं कि नगर निगम और जिला प्रशासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करता है।
रायगढ़ की मोबाइल मेडिकल यूनिट व्यवस्था में बढ़ती लापरवाही
सामग्री, मशीनें, रिपोर्ट, अब केलिब्रेशन और फ्यूमिगेशन की भी खुली पोल, नगर निगम कमिश्नर के निर्देशों के बावजूद कंपनी की उदासीनता पर उठे गंभीर सवाल



