रायगढ़। करीब पौने दो साल पूर्व कुल्हाड़ी से प्राणघातक हमला कर अपनी मां को मौत के घाट उतारने के सनसनी खेज मामले में आरोपी पुत्र पर लगा हत्या का संगीन अपराध सिद्ध होने पर षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में हत्यारे कलयुगी पुत्र को आजीवन कारावास की सजा से दंडित करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
अभियोजन के अनुसार 28 फरवरी 2024 को घटना की सूचना मृतका नंदिनी सारथी के रिश्तेदार कृष्णा सारथी ने दी कि उसकी बुआ नंदिनी सारथी (मृतिका) उसके बेटे विजय के साथ रहती थी, 28 की शाम ग्राम बरलिया में नंदिनी सारथी का शव उसके घर अंदर पड़ा था जिसे गर्दन पीछे भाग में गले में किसी अज्ञात आरोपी द्वारा चोट पहुंचाकर मृत्यु कारित किया गया है । चक्रधरनगर थाने में अज्ञात आरोपी पर धारा 302, 201 आईपीसी का अपराध दर्ज किया गया। मामले की प्रारंभिक जांच विवेचना सहायक उप निरीक्षक नंदकुमार सारथी द्वारा किया गया। पुलिस विवेचना में पाया गया कि आरोपी विजय सारथी ने उसकी मां की कुल्हाड़ी से संघातिक चोट पहुंचाकर हत्या की गई है। विवेचनाधिकारी तत्कालीन थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी कर चालान न्यायालय पेश किया गया।
मामले में अभियोजन की ओर न्यायालय में 15 गवाहों का कथन कराया गया और 31 महत्पूर्ण दस्तावेज संकलन कर ठोस सबूत बनाए गए । आरोपी विजय सारथी ने न्यायालय में अपने बचाव में काफी प्रयास किया गया किंतु अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य अखंडनीय रहे और माननीय न्यायाधीश ने पाया कि आरोपी विजय सारथी पिता स्वर्गीय प्रेमलाल सारथी उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम बरलिया थाना चक्रधरनगर जिला रायगढ़ के द्वारा ही उसकी मां की कुल्हाड़ी से संघातिक चोट पहुंचाकर हत्या की गई है और नंदिनी सारथी की हत्या की अपराध के साक्ष्य मिटाने कुल्हाड़ी में लगे खून को साफ कर कुल्हाड़ी को घर के सामने छिपा दिया था।
न्यायालय द्वारा 31 अक्टूबर को फैसला सुनाया गया जिसमें आरोपी को धारा 302 आईपीसी में आजीवन सश्रम कारावास और 100 के अर्थदंड तथा साक्ष्य छिपाने की धारा 201 आईपीसी में 3 वर्ष के सश्रम कारावास और 100 के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि न्यायालय द्वारा पीडि़त पक्ष की क्षतिपूर्ति संबंधित तथ्य पर विचार कर जीवन हानि के मद में दर्शित क्षतिपूर्ति की न्यूनतम सीमा राशि 5 लाख क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की अनुशंसा की गई है। तत्कालिन नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला (आईपीएस) के सुपरविजन में मामले की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत एवं सहायक उपनिरीक्षक नन्द कुमार सारथी द्वारा की गई है। वहीं अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक तन्मय बनर्जी द्वारा पैरवी किया गया है।
कुल्हाड़ी से हमला कर मां को मौत के घाट उतारने वाले कलयुगी पुत्र को उम्र कैद



