रायपुर। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस ‘राज्योत्सव’ 25 साल पूरे होने पर इस बार राजधानी रायपुर के सेंध तालाब के ऊपर भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम आकाश गंगा पहली बार एयर शो करने जा रही है। इसके अलावा एयरफोर्स के स्पेशल लड़ाके भी करीब 8 हजार फीट की ऊंचाई से पैरा जंप करेंगे।
रविवार को पैराट्रूपर ट्रेनिंग स्कूल से एक प्रशिक्षक रायपुर पहुंचे हैं, जो करतब दिखाएंगे। उन्होंने पैरा जंपिंग के लिए टेबल पर जगह चिह्नित की और हरी झंडी दिखाई। इसके बाद लगभग 8 लोगों की एक विशेष टीम जल्द ही रायपुर पहुंच सकती है। वायुसेना की टीम 4 नवंबर को रिहर्सल पूरी करेगी। 5 नवंबर को रोबोटिक शो में बॉम्ब बर्स्ट, हार्ट-इन-द-स्काई और एरोहेड जैसे शानदार फॉर्मेशन दर्शकों को जोश और देशभक्ति से भर देंगे। संभागायुक्त महादेव कावरे, आईजी अमरेश मिश्रा, कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने तैयारियों का जायजा लिया।
जवानों को 2 तरह की जंप की ट्रेनिंग दी जाती है। पहला स्टैटिक लाइन जंप और दूसरा फ्री फॉल। स्टैटिक लाइन जंप सैन्य पैराशूट कि वो तकनीक है, जिसमें जवान प्लेन से कूदते हैं। पैराशूट अपने-आप खुल जाता है। ये सैनिकों को तेजी से और सुरक्षित तरीके से युद्ध क्षेत्र में पहुंचाने के लिए होता है। स्टैटिक लाइन जंप 800-1200 फीट की ऊंचाई से की जाती है। ये बेसिक जंप होता है, और इसमें खतरा भी कम होता है।
वहीं फ्री फॉल जंप एक अत्यंत उन्नत सैन्य पैरा-जंपिंग तकनीक है, जिसमें कमांडो विमान से कूदकर काफी ऊंचाई तक बिना पैराशूट खोले गिरते हैं। निर्धारित ऊंचाई पर जाकर पैराशूट खोलते हैं। इसका उद्देश्य गोपनीय ऑपरेशन, रैपिड इनसेर्शन, लॉन्ग-रेंज पैठ और विशेष मिशनों में अदृश्य रूप से जमीन पर उतरना होता है।
ये जंप आमतौर पर 10 हजार फीट से अधिक ऊंचाई से की जाती है। कई मौकों पर सैनिक 30 हजार फीट ऊंचाई से भी जंप करते हैं। फ्री-फॉल तकनीक का प्रारंभ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ। 1950-60 के दशक में अमेरिकी और रूसी स्पेशल फोर्सेज ने इसे विकसित किया। अमेरिका की यूएस आर्मी स्पेशल फोर्स और सीआईए ने वियतनाम युद्ध के दौरान इसका तकनीक का विशेष उपयोग किया। इसके बाद एसएएस (यूके), रूसी स्पेत्सनाज और दूसरे प्रमुख देशों की स्पेशल फोर्सेज ने इसे अपनाया। वहीं 5 नवंबर को सुबह 10 बजे सूर्य किरण के 9 फाइटर जेट्स आसमान में एक साथ करतब दिखाएंगे। करीब 40 मिनट तक चलने वाले इस शो में फॉर्मेशन फ्लाइंग और एयरोबेटिक स्टंट्स देखे जा सकेंगे।
8000 फीट से कूदेंगे एयरफोर्स के जवान
राज्योत्सव २०२५ में सूर्य-किरण के शौर्य के साथ दिखेगा आकाश गंगा का पराक्रम



