रायपुर। राजधानी के नवा रायपुर स्थित ब्लू वाटर खदान में डूबे 2 बच्चों का शव 36 घंटे बाद मिला है। घटना 31 अक्टूबर की शाम की है, जब खदान के पानी में नहाने उतरे दोनों बच्चे डूब गए थे। एसडीआरएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने 2 नवंबर की सुबह शव बरामद कर लिया है। घटना माना थाना क्षेत्र की है। छात्र जयेश साहू और मृदुल 10वीं के छात्र थे। वे लोग क्लास बंक कर ब्लू वाटर खदान घूमने आए थे। जब वे नहाने उतरे तो गहरे पानी में चले गए। दरअसल यह खदान काफी गहरा है और इसका पानी पूरी तरह से नीला है। 2017 से अब तक यहां डूबने से 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, 31 अक्टूबर को टाटीबंध के छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल में पढऩे वाले 9 छात्रों के एक ग्रुप ने ब्लू वाटर खदान में घूमने का प्लान बनाया। सभी बच्चे स्कूल बंक करके स्कूल यूनिफॉर्म में ही घूमने आ गए। इसी बीच दो छात्र जयेश साहू और मृदुल ब्लू वाटर में नहाने उतरे। नहाने के दौरान जयेश और मृदुल गहरे पानी में चले गए और डूब गए। उनके दोस्तों ने जब उन्हें पानी में डूबता देखा, तो शोर मचाया और आस-पास के लोगों से मदद मांगी। यह इलाका आउटर में होने के कारण कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान चलाया। रात होने के कारण रेस्क्यू अभियान बंद किया गया। शनिवार (1 नवंबर) को जयेश साहू और रविवार (2 नवंबर) को मृदुल का शव बरामद किया गया है। जो छात्र स्कूल से बंक कर घूमने गए थे उनमें मृदुल, जयेश साहू, आशुतोष पांडे, आयुष प्रताप सिंह, विरल राज, रमेश पुनिया, ऋ षिराज, आदर्श शुक्ला और प्रियेश गोस्वामी शामिल थे। ब्लू वाटर खदान में यह कोई पहली घटना नहीं है। 2017 से अब तक यहां डूबने से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। बारिश के बाद खदान में पानी भरने से यह तालाब जैसा रूप ले लेता है, जहां स्थानीय लोग और बच्चे नहाने या घूमने जाते हैं। इसके बावजूद यहां न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, न ही बाउंड्री या सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
ब्लू-वाटर खदान में डूबे छात्रों का शव मिला, अब तक ९ की मौत
क्लास बंक कर घूमने गए थे, गहरे पानी में समाए



