रायगढ़। राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व दृष्टि दिवस 2025 के अवसर पर आज जिले में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह दिवस प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल कुमार जगत के मार्गदर्शन तथा जिला नोडल अधिकारी डॉ. मीना पटेल और जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री रंजना पैंकरा के संचालन में जिले के समस्त विकासखंडों में यह आयोजन हुआ। इस अवसर पर नेत्र सहायक अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों एवं आमजनों को नेत्र सुरक्षा के उपाय और सामान्य नेत्र रोगों की जानकारी दी गई। जिसमें मधुमेह, मोबाइल व कंप्यूटर उपयोग, बदलती जीवनशैली के कारण होने वाले दृष्टि दोषों जैसे मायोपिया, एम्बलोपिया, आँखों का सुखापन आदि पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में बताया गया कि मधुमेह रोगियों को हर 6 माह में आंखों की नियमित जांच करानी चाहिए, जिससे आंखों की रोशनी को सुरक्षित रखा जा सके। बच्चों और नवयुवकों में दृष्टि दोषों की बढ़ती समस्या को देखते हुए संतुलित आहार में विटामिन ए युक्त भोजन जैसे पालक, गाजर, पपीता, आम, अंडा, मछली और दूध को शामिल करने पर जोर दिया गया।
सामान्य नेत्र सुरक्षा के बताए गए उपाय
आंखों को दिन में दो बार साफ पानी से धोना, साफ तौलिया का उपयोग करना। तेज रोशनी और धूप से बचाव हेतु चश्मे का प्रयोग हेतु कहा गया। नेत्र पर चोट या कुछ गिरने की स्थिति में मलने के बजाय साफ पानी से धोना। चलती बस में, लेटे हुए या कम रोशनी में न पढऩे की सलाह दी गई। बाजार में बिकने वाली बिना पर्ची की आंखों की दवा से परहेज और डॉक्टर से ही परामर्श लेने की अपील की गई। साथ ही स्कूलों में बच्चों के नेत्र परीक्षण की आवश्यकता पर बल दिया गया।
नि:शुल्क नेत्र जांच व इलाज की सुविधा
ऑखों की जांच मेडिकल कॉलेज एवं सभी जिला चिकित्सालयों में नेत्र विषेषज्ञ एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नेत्र सहायकों द्वारा नेत्रों का नि:षुल्क जांच एवं उपचार किया जाता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को मोतियाबिंद की जांच नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र/जिला चिकित्सालय में कराते रहना चाहिए, जहां मोतियाबिंद की नि:षुल्क जॉच उपचार एवं ऑपरेषन की सुविधा उपलब्ध है।
विश्व दृष्टि दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
नेत्र स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक
