रायपुर। पुलिस ने साइबर ठगी से बचने के लिए बैंक अधिकारियों की मीटिंग ली। जिसमें 12 बिंदुओं पर चर्चा की गई। एसएसपी ने डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवाकर हो रही ठगी के मामले में बैंक अधिकारियों को वेरिफाई प्रोसेस करने को कहा है। इसके अलावा जो व्यक्ति बार-बार बैंक में खाता खुलवाने आ रहा है। उस पर निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया है। पुलिस का आशंका है कि ऐसे मामले म्यूल अकाउंट से जुड़े हो सकते हैं। यह बैठक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने सिविल लाइन रायपुर स्थित सी-4 भवन के सभाकक्ष में ली। जिसमें रायपुर के लीड बैंक मैनेजर और विभिन्न बैंकों के लीगल हेड अधिकारियों की बैठक ली गई।
इस बैठक में ष्टस्क्क आजाद चौक ईशु अग्रवाल, ष्ठस्क्क क्राइम संजय सिंह, ष्टस्क्क कोतवाली केशरी नंदन नायक, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन रमाकांत साहू, उप पुलिस अधीक्षक नरेश पटेल, उप पुलिस अधीक्षक निशिथ अग्रवाल, लीड बैंक मैनेजर मोफिज मोहम्मद सहित रायपुर के विभिन्न बैंकों के लीगल हेड अधिकारी मौजूद थे।
इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा
ऑनलाइन ठगी का शिकार होकर बैंक आने वाले पीडि़त को दूसरे जगह न भेजकर टोल फ्री नंबर 1930 में कॉल करने के प्रेरित करें या साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर जाकर रिपोर्ट करने कहे, दूसरे बैंक में न भेजे। साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल का टोल फ्री नंबर 1930 को बैंक में दिखवाएं।
बैंक में यदि कोई खाता खुलवाने आता है। उसके भौतिक सत्यापन जैसे मोबाइल में मैसेज के माध्यम से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर कर सत्यापन करें।
कॉर्पोरेट खाता खोलते समय सत्यापन करें। 15 दिन के बाद फिर दिये गये पते पर जाकर वेरिफाई करें।
बैंक में सरीसीटीव्ही कैमरा होने की बात स्पष्ट लिखकर चस्पा करें। बैंक के प्रवेश एवं पिछले हिस्से में सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने निर्देश दिये गये।
संदेही ट्रांजेक्शन के संबंध में बैंक क्या करती हैं, के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
डिमांड ड्राफ्ट का वेरिफाई करने के उपरांत ही रकम ट्रांसफर करने कहा गया।
बैंक खाता खोलते समय गारंटर का उपयोग करने निर्देश दिए गए।
चौथी स्तर के बाद डिस्ट्रीब्यूट अमाउंट को वेरिफाई कर रकम को होल्ड कर बैंक खाता को चालू रखने कहा गया।
लीगल डिपार्टमेंट हेतु एक बैंक अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही लीगल डिपार्टमेंट में एक मोबाइल नंबर जारी करने ताकि अधिकारी का स्थानांतरित होने पर परेशानी न हो के संबंध में निर्देश दिया गया।
बैंक में बार-बार खाता खोलने वाले व्यक्ति विशेष को चिह्नांकित कर जानकारी पुलिस को भेजने कहा गया।
पुलिस की जानकारी मांगे जाने पर तत्काल जानकारी भेजना सुनिश्चित करें ताकि प्रकरण की अग्रिम कार्रवाई में बाधा उत्पन्न न हों।

