सारंगढ़। जिले में कुष्ठ उन्मूलन के लिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती से लेकर 8 अक्टूबर तक जागरूकता सप्ताह मनाया जाएगा। महात्मा गांधी अपने जीवनकाल में कुष्ठ पीडि़तों की सेवा करते थे, इसी स्मृति में हर वर्ष 2 अक्टूबर से 30 जनवरी के बीच जागरूकता पखवाड़ा भी आयोजित किया जाता है। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने समय-सीमा की बैठक में जिले के सभी अधिकारियों को कुष्ठ उन्मूलन की शपथ दिलाते हुए निर्देशित किया कि सरकारी कार्यालयों से जारी हर पत्र के नीचे कुष्ठ उन्मूलन से सम्बंधित स्लोगन अंकित किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिले में कुष्ठ के प्रभाव दर राष्ट्रीय और प्रांतीय औसत से कहीं अधिक है, ऐसे में इसे कम करने के लिए तत्काल प्रभावी अभियान जरूरी है।
स्कूली बच्चों द्वारा छुट्टी के समय रैली हाईस्कूल स्तर पर निबंध प्रतियोगिता ग्राम सभा में कुष्ठ मुक्त भारत का संकल्प एवं शपथ मुनादी, माइकिंग, पोस्टर, पंपलेट, नारे लेखन समूह चर्चा और भ्रांतियों को दूर करने हेतु संवाद कार्यक्रम बीमारी भ्रांतियां विशेषज्ञों के अनुसार कुष्ठ एक संक्रामक रोग है, जो एक जीवाणु से होता है और यह धीरे-धीरे शरीर की नसों को प्रभावित करता है। रोग के प्रारंभिक लक्षण प्राय: त्वचा पर दाग-धब्बों और सुन्नपन से दिखाई देते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर विकृतियां उत्पन्न होती हैं। 95 प्रतिशत लोग स्वाभाविक रूप से इस संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं, जबकि केवल वे लोग प्रभावित होते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
समाज में प्रचलित भ्रांतियों को दूर करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि कुष्ठ मरीज को छूने से रोग नहीं फैलता, बल्कि लगातार निकट संपर्क रहने पर संक्रमण की संभावना होती है। इसलिए कुष्ठ पीडि़त किसी भी व्यक्ति से भेदभाव नहीं करना चाहिए। जिले में स्थिति स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का कुष्ठ प्रभाव दर प्रति 10 हजार की आबादी पर 5 से अधिक है, जबकि राष्ट्रीय दर केवल 0.4 और प्रदेश का औसत करीब 2 है। जिले के 276 गांवों में पिछले तीन वर्षों में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन 309 गांवों में छिटपुट और 137 गांवों में लगातार मामले मिलते रहते हैं। इन 446 गांवों में विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। हाल ही में केंद्रीय कुष्ठ प्रभाग (सेंट्रल लेप्रोसी डिवीजन) की टीम ने जिले का दौरा कर विस्तृत योजना तैयार की है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है हाथ से हाथ मिलाएं, कुष्ठ मिटाएं।
जिले में गांधी जयंती से कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू



